मुंबई : महाराष्ट्र के बुलडाणा जिले में 91 किसानों ने राज्यपाल और सब डिवीजनल ऑफिसर को खत लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है. राज्यपाल को खत लिखकर किसानों ने कहा है कि नेशनल हाईवे 6 पर 4 लेन का हाईवे बनाने के लिए सरकार की ओर से खेत के बदले जो मुआवजा दिया गया है वह अपर्याप्त है. किसानों की मांग है या तो उन्हें मुआवजा दिया जाए या फिर इच्छामृत्यु की इजाजत दे दी जाए.
राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा है कि उन्हें फसल का जो मुआवजा दिया गया है वह भी उचित नहीं है. किसानों का आरोप है कि पिछले एक साल से वह उचित मुआवजे के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार लगातार उनकी मांगों को अनदेखी कर रही है. सरकार की अनेदखी के कारण ही उन्होंने राज्यपाल को खत लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है.
बता दें कि सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए महाराष्ट्र के यह किसान पहले ही कई आंदोलन कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले आंदोलन को उग्र करते हुए प्रदेश के करीब 30 हजार किसानों ने नासिक से मुंबई तक एक विशाल पदयात्रा निकाली थी. इस पद यात्रा के मुंबई पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा आग्रह करने और मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था. हालांकि अब तक इच्छामृत्यु मामले में सरकार की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ऑल इंडिया किसान सभा के इस मोर्चे में ज्यादातर आदिवासी किसान शामिल हुए. इनकी मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के अलावा किसानों को संपूर्ण कर्ज माफी, प्रमुख जिंसों के डेढ़ गुना मूल्य देना, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त होने की स्थिति में प्रति एकड़ 40 हजार रुपये तक मुआवजा देने जैसी मांगें शामिल थीं.
राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा है कि उन्हें फसल का जो मुआवजा दिया गया है वह भी उचित नहीं है. किसानों का आरोप है कि पिछले एक साल से वह उचित मुआवजे के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार लगातार उनकी मांगों को अनदेखी कर रही है. सरकार की अनेदखी के कारण ही उन्होंने राज्यपाल को खत लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है.
बता दें कि सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए महाराष्ट्र के यह किसान पहले ही कई आंदोलन कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले आंदोलन को उग्र करते हुए प्रदेश के करीब 30 हजार किसानों ने नासिक से मुंबई तक एक विशाल पदयात्रा निकाली थी. इस पद यात्रा के मुंबई पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा आग्रह करने और मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था. हालांकि अब तक इच्छामृत्यु मामले में सरकार की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ऑल इंडिया किसान सभा के इस मोर्चे में ज्यादातर आदिवासी किसान शामिल हुए. इनकी मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के अलावा किसानों को संपूर्ण कर्ज माफी, प्रमुख जिंसों के डेढ़ गुना मूल्य देना, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त होने की स्थिति में प्रति एकड़ 40 हजार रुपये तक मुआवजा देने जैसी मांगें शामिल थीं.
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