दुमका कोषागार घोटाले में भी दोषी करार लालू प्रसाद यादव - fodder scam dumka treasury case former bihar cm lalu prasad yadav convicted

रांची: चारा घोटाले के तीन मामलों में सजा पाने के बाद यहां बिरसा मुंडा जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सोमवार (19 मार्च) को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने दुमका कोषागार से तीन करोड़, तेरह लाख रुपये का गबन करने के चौथे आरोप में भी दोषी करार दिया है. इस मामले में सजा का एलान 21 मार्च से 23 मार्च के बीच किया जाएगा. अदालत ने बिहार के दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 12 लोगों को इस मामले में सबूतों के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया. लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र तथा अन्य पहले से ही चारा घोटाला के तीन मामलों में दोषी ठहराये जाने के बाद से बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.


चारा घोटाले के दुमका कोषागार से तीन करोड़, तेरह लाख रुपए के गबन के मामले में 31 लोगों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत का बहुप्रतीक्षित फैसला सोमवार (19 मार्च) को दोपहर बाद आया जिसमें सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने जहां लालू समेत 19 को दोषी करार दिया. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व विधायक ध्रुव भगत, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, पूर्व विधायक आर के राणा समेत 12 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी करने का आदेश दिया. अदालत दोषी ठहराये गये लालू प्रसाद यादव समेत सभी 19 अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर 21 मार्च से सुनवाई करेगी. सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 23 मार्च तक की तिथि निर्धारित की गयी है.


राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने लालू को दोषी करार दिए जाने और जगन्नाथ मिश्रा को बरी किये जाने के अदालती आदेश पर क्षोभ व्यक्त करते हुए एक बार फिर इसे सीबीआई का खेल बताया है और कहा है कि राजद इस मामले में भी झारखंड उच्च न्यायालय का रुख करेगी.


इससे पहले इसी वर्ष 24 जनवरी को लालू प्रसाद एवं जगन्नाथ मिश्र को सीबीआई की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपए का गबन करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में दोषी करार देते हुए पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं क्रमशः दस लाख एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के चाईबासा मामले में कुल 50 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी थी.


रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाला में देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की शनिवार (6 जनवरी) को सजा सुनाई थी. अदालत ने लालू के दो पूर्व सहयोगियों लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात वर्ष की कैद एवं बीस लाख रुपये के जुर्माने एवं बिहार के पूर्व मंत्री आर के राणा को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की सजा सुनायी.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में बीते साल 23 दिसंबर (2017) को दोषी करार दिया था. अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और अन्य छह आरोपियों को इसी मामले में बरी कर दिया. यह मामला देवघर के जिला कोषागार से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये निकालने से जुड़ा हुआ है. मामले की सुनवाई रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने 13 दिसंबर को पूरी कर ली थी. इस पूरे मामले में कुल 34 आरोपी थे, जिनमें से 11 की मौत हो चुकी है. जबकि एक आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और सीबीआई का गवाह बन गया.
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