पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत के लिए राहत की खबर आई है. भागलपुर के सीजेएम कोर्ट ने सोमवार (9 अप्रैल) को अर्जित की जमानत याचिक मंजूर कर ली है. एडीजे कुमोद रंजन ने अर्जित की जमानत को मंजूरी दे दी है. अब जल्द ही वो न्यायिक हिरासत से आजाद होंगे. अर्जित भागलपुर के नाथनगर हिंसा में आरोपी हैं. पटना में खुद को सरेंडर करने के बाद जब अर्जित भागलपुर पहुंचे तो उन्होंने मीडिया से बात करते हुए खुद को निर्दोष बताया था. उन्होंने राजनीतिक साजिश के तहत फंसाने की बात कही थी. अर्जित के पिता अश्विनी चौबे ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसके लिए कांग्रेस और आरजेडी को जिम्मेदार ठहराया था.
भागलपुर में हुए इस उपद्रव ने बिहार की राजनीति में भूचाल मचा दिया था. पुलिस ने अर्जित समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसमें पुलिस ने आरोप लगाया कि बिना पुलिस की अनुमति के यह जुलूस निकाला गया था. अर्जित ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में याचिक दायर की थी, जिसे कोर्ट ने एक घंटे की बहस सुनने के बाद खारिज कर दिया था. सरेंडर के बाद भी भगलपुर के एसीजेएम कोर्ट ने अर्जित शाश्वत की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. उनके वकील ने सीजेएम कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी. अर्जित फिलहाल भागलपुर जेल में बंद हैं. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था.
बता दें कि 17 मार्च को एक धार्मिक जुलूस निकाला गया था. इस जुलूस का नेतृत्व अर्जित शाश्वत कर रहे थे. जुलूस में बज रहे डीजे पर आपत्तिजनक गाने बजाए जाने पर एक समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया. यह विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते दो समुदाय के लोग आमने-सामने भिड़ गए और पथराव होने लगा. इस दौरान गोली चलने की भी खबर है. भीड़ ने कई दुकानों में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने दंगाइयों को काबू करने के लिए बल का प्रयोग किया. इस दौरान कई पुलिसकर्मी सहित एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे.
भागलपुर में हुए इस उपद्रव ने बिहार की राजनीति में भूचाल मचा दिया था. पुलिस ने अर्जित समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसमें पुलिस ने आरोप लगाया कि बिना पुलिस की अनुमति के यह जुलूस निकाला गया था. अर्जित ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में याचिक दायर की थी, जिसे कोर्ट ने एक घंटे की बहस सुनने के बाद खारिज कर दिया था. सरेंडर के बाद भी भगलपुर के एसीजेएम कोर्ट ने अर्जित शाश्वत की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. उनके वकील ने सीजेएम कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी. अर्जित फिलहाल भागलपुर जेल में बंद हैं. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था.
बता दें कि 17 मार्च को एक धार्मिक जुलूस निकाला गया था. इस जुलूस का नेतृत्व अर्जित शाश्वत कर रहे थे. जुलूस में बज रहे डीजे पर आपत्तिजनक गाने बजाए जाने पर एक समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया. यह विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते दो समुदाय के लोग आमने-सामने भिड़ गए और पथराव होने लगा. इस दौरान गोली चलने की भी खबर है. भीड़ ने कई दुकानों में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने दंगाइयों को काबू करने के लिए बल का प्रयोग किया. इस दौरान कई पुलिसकर्मी सहित एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे.
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