चेन्नई में होने वाले आईपीएल मैचों में काली शर्ट स्टेडियम में पूरी तरह से बैन - chennai police asks bcci to ban black shirts in stadium

नई दिल्ली : तमिलनाडु में आईपीएल मैचों को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. खासकर इस बारे में जब से फिल्म अभिनेता रजनीकांत ने अपील की है, तब से चेन्नई में होने वाले आईपीएल के मैचों को लेकर संकट नजर आने लगा है. रविवार को तमिलनाडु की फिल्म बिरादरी से जुड़े दिग्गजों ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड व कावेरी जल नियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के गठन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इसी दौरान रजनीकांत ने कहा था कि जब पूरा तमिलनाडु कावेरी जल विवाद को लेकर आंदोलन कर रहा है ऐसे में चेन्नई में आईपीएल के मैच नहीं होने चाहिए. उन्होंने कहा था कि अगर मैच होते हैं तो चेन्नई टीम के खिलाड़ी बाहं पर काली पट्टी बांधकर खेलें.

इस विरोध प्रदर्शन के बाद से चेन्नई में आईपीएल के मैचों पर संशय बना हुआ है. अब चेन्नई पुलिस ने बीसीसीआई से कहा है कि वह चेन्नई में होने वाले मैचों में काली शर्ट को पूरी तरह से स्टेडियम में बैन कर दें. पुलिस ने बोर्ड से कहा है कि वह काले कपड़े पहने हुए किसी भी व्यक्ति को स्टेडियम में घुसने की अनुमति न दें. इसके साथ ही चेन्नई पुलिस ने इस बात का आश्वासन दिया है कि आईपीएल मैचों के दौरान किसी भी तरह के विरोध से बचने के लिए सेकंड लेयर सुरक्षा दी जाएगी.



इससे पहले तमिलनाडु के कई संगठनों ने चेन्नई टीम के खिलाड़ियों को धमकी भरे अंदाज में कहा था कि अगर उन्होंने इन मैचों का बहिष्कार नहीं किया तो उनके साथ कुछ भी अप्रिय हुआ तो इसके लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे.



इससे पहले रविवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन भारतीय फिल्म कलाकार संघ द्वारा किया गया था.  इस संघ को नदीगर संगम के नाम से जाना जाता है. इसमें तमिल फिल्म निर्माता परिषद व दक्षिण भारत फिल्म कर्मचारी संघ के सदस्यों ने भाग लिया. इस विरोध प्रदर्शन में प्रमुख अभिनेताओं, जैसे रजनीकांत और कमल हासन सहित फिल्म व संगीत निर्देशकों व दूसरे तकनीशियनों ने भाग लिया. इसमें संगीत निर्देशकों में इलैयाराजा, शंकर-गणेश, अभिनेताओं में सूर्या, विजय, विशाल, प्रशांत व अन्य शामिल थे.



नदीगर संगम के अध्यक्ष नासेर के अनुसार, मौन विरोध प्रदर्शन का आयोजन सिर्फ सीएमबी व सीडब्ल्यूआरसी के गठन के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के बजाय प्रतिभागियों को बोलने की अनुमति देने से मुद्दे से ध्यान भटका सकता था. इससे पहले अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में रजनीकांत ने कहा कि यदि सीएमबी व सीडब्ल्यूआरसी की स्थापना नहीं की गई तो केंद्र सरकार को तमिलनाडु के लोगों की नाराजगी का सामना करना होगा.
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