सीएजी रिपोर्ट में राशन को लेकर बड़ी गड़बड़ी में दोषी को नहीं छोड़ेंगे: मनीष सिसोदिया - delhi ration scam manish sisodiya blame lg says will take action against culprit

दिल्ली की सीएजी रिपोर्ट में राशन को लेकर बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट सामने आते ही आम आदमी पार्टी सरकार सवालों से घिर गई है. वहीं इस पर डिप्टी सीएम  मनीष सिसोदिया का बयान आया है.  मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे ऊपर आरोप नहीं लगे हैं, बल्कि आरोप तो मैं लगा रहा हूं. सिसोदिया ने दावा किया कि जो भी दोषी हो नहीं छोड़ेंगे, चाहे मंत्री हो या अपराधी या एलजी.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस रिपोर्ट में सब कुछ साफ-साफ लिखा है. यह सिर्फ 3 सालों का मामला नहीं है, बल्कि इसमें पिछले 8-10 सालों का कच्चा चिट्ठा है. इस रिपोर्ट में 25 सालों तक के रिकॉर्ड निकलकर सामने आए हैं.

मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि हम पिछले 3 साल से कह रहे हैं कि राशन विभाग में भ्रष्टाचार है. करीब डेढ़ साल पहले हमने योजना बनाई कि राशन में भ्रष्टाचार है और उपराज्यपाल से कहा कि हम डोर स्टेप डिलीवरी वाली नई योजना ला रहे हैं. उपराज्यपाल ने कहा कि उनकी अफसरों से बातचीत हो गई है और अफसरों ने उन्हें बताया है कि सब कुछ ठीक है. अफसरों ने फाइल पर लिख रखा है कि सब कुछ ठीक चल रहा है, इसलिए उस योजना की जरूरत नहीं है.

सिसोदिया के अनुसार अब सीएजी रिपोर्ट बता रही है कि राशन व्यवस्था में चो री हो रही है. जिस चोरी को हम 3 साल से बता रहे हैं कि चोरी हो रही है, हमें व्यवस्था बदलने दो.हम कहते हैं कि अफसर हटाओ LG अवसर नहीं हटाते. हम कहते हैं इन को सस्पेंड करो, LG सस्पेंड नहीं करते. हम कहते हैं इस व्यवस्था को बदलने दो LG व्यवस्था नहीं बदलने देते.



मनीष सिसोदिया ने बताया कि सीएजी रिपोर्ट कहती है कि इस व्यवस्था में इस हद तक चोरी हो रही है कि गोदाम से राशन की दुकान तक ले जाने के लिए जिन ट्रकों का इस्तेमाल हुआ, उनके नंबर या तो स्कूटर के थे या मोटरसाइकिल या थ्री व्हीलर का नंबर था. जो राशन ट्रकों पर लादकर आता है, सीएजी रिपोर्ट कहती है कि वह स्कूटर या मोटर साइकिल पर लादकर आया है. इसका मतलब कि घोटाला हो रहा है और नीचे गड़बड़ हो रही है. जब हम कह रहे हैं कि नीचे गड़बड़ हो रही है तो उपराज्यपाल एक भी अफसर पर कार्रवाई नहीं करते, उसका ट्रांसफर तक नहीं करते, उस को शो कॉज नोटिस तक नहीं देते.

मनीष सिसोदिया के अनुसार उपराज्यपाल घोटालों को दबाने के लिए इन अफसरों को क्यों बचा रहे हैं?  नेतृत्व और चुनी हुई सरकार ही इन घोटालों को उठा रही है. मंत्री कहता है कि इंस्पेक्शन करके आओ, अधिकारी इंस्पेक्शन करने नहीं जाता और उपराज्यपाल से उसका ट्रांसफर नहीं करते. नेतृत्व, मंत्री और उपमुख्यमंत्री जिस बात को चीख चीख कर कह रहे थे सीएजी ने वही बात को सही तरीके से छान छान कर सामने ला दिए हैं.



राशन की डोर स्टेप डिलीवरी इसीलिए लाई गई थी क्योंकि उससे ही समाधान निकलता. इमरान हुसैन ने कार्रवाई की, लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं हुई. जब से हाई कोर्ट का आदेश आया है तब से एक अफसर को ट्रांसफर करने की फाइल पर भी मंत्री से चर्चा नहीं करते. उपराज्यपाल की मर्जी चलती है या सेक्रेटरी की मर्जी चलती है.



सिसोदिया ने कहा कि मैं खुद उपराज्यपाल को बता चुका हूं कि निजी स्कूल के पक्ष में एक अधिकारी ने एफिडेविट तक फाइल किया है. मैंने कहा अधिकारी को हटाओ और सीबीआई की जांच कराओ. उपराज्यपाल ने उसका जवाब तक नहीं दिया.



यह सिर्फ हमारी सरकार का मामला नहीं है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2012 13 से लेकर 16 - 17 तक अलग-अलग विभाग ने अलग-अलग पैसे की हेराफेरी की और उसका हिसाब नहीं दिया. सीएजी ने वह सभी बिल खोज खोज कर निकाले हैं.



सिसोदिया ने पूछा कि इन सारे लोगों ने साजिश करके हमसे एंटी करप्शन ब्रांच क्यों छीनी? अगर आज एंटी करप्शन ब्रांच हमारे पास होता तो जिसको 2013 में 29 करोड़ के बिल का हिसाब देना था या तो वह हिसाब देता या तो जेल में होता. 2006 से लेकर ओवरहेड खर्च का पैसा दोबारा जमा करवाने की जिम्मेदारी जिन अफसरों पर थी, उपराज्यपाल उन अफसरों को लगातार बचा रहे हैं.



सिसोदिया ने आश्वासन दिया कि अगर इस घोटाले में मंत्री की गलती पाई जाती है तो हम मंत्री को भी नहीं छोड़ेंगे. हमारे मंत्री के खिलाफ ऑडियो आया तो हमने उसे निकाला, जब किसी को नहीं पता था. हम मंत्रियों पर नजर रखते हैं. सीएम मुझपर भी नजर रखते हैं. मंत्री हमारे हैं, हम निकाल सकते हैं. लेकिन जो अधिकारी गलत काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है. हम मंत्री हटा सकते हैं लेकिन एक चपरासी को भी नहीं हटा सकते. मामला पीएसी के पास जाएगा. पीएसी जांच करेगी। सारे मामले की सीबीआई जांच करवाएंगे. सिसोदिया ने दावा किया कि जो भी दोषी हो नहीं छोड़ेंगे चाहे मंत्री हो या अपराधी या एलजी.


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