एससी/एसटी एक्ट को लेकर चल रहे आंदोलन का सर्मथन किया मायावती ने - strict action should be taken against those who spread violence during the protests bsp chief mayawati

नई दिल्ली: बीएसपी चीफ मायावती ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर चल रहे आंदोलन का सर्मथन किया है. मायावती ने कहा, 'मुझे पता चला है कि कुछ लोग प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैला रहे हैं. मैं इसकी घोर निंदा करती हूं. हमारी पार्टी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की किसी घटना के पीछे नहीं है.' बसपा चीफ ने कहा कि हिंसा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि आंदोलन के दौरान कुछ असमाजिक तत्वों को हिंसा फैलाने के लिए भेजा गया. मायावती ने कहा कि कुछ असमाजिक तत्वों को प्रदर्शनों के दौरान हिंसा फैलाने के लिए भेजा गया जिसका नतीजा यह हुआ कि कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा.

बता दें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति ( अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर शिथिल किए जाने के विरोध में दलित संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान आज हिंसक प्रदर्शन हुए जिसमें मध्यप्रदेश में एक व्यक्ति की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए तथा विभिन्न राज्यों में सामान्य जनजीवन बाधित रहा.



वैसे कुछ राज्यों ने शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया था और संचार एवं रेल समेत परिवहन सेवाएं अस्थायी तौर पर रोक दी थीं लेकिन मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब से आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें हैं.  मध्यप्रदेश में गोलीबारी में एक छात्र नेता की मौत तथा कई अन्य के घायल होने के बाद मुरैना, ग्वालियर और भिंड जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.


भिंड के पुलिस अधीक्षक प्रशांत खारे ने बताया कि प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी में छह व्यक्तियों के घायल होने के उपरांत स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना बुला ली गई. उधर, पंजाब में ऐहतियात के तौर पर किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति से निबटने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को तैयार रहने को कहा गया है. पीटीआई के मुताबिक  मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के एसडीएम उमेश शुक्ला ने बताया कि गोलीबारी में छात्र नेता राहुल पाठक की मौत हो गई.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शांति की अपील की है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अनुसूचित जाति. जनजाति अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले में कोई पक्षकार नहीं है और वह इस फैसले के पीछे दिये गये तर्क से‘ ससम्मान’ असहमत है. सरकार ने इस मामले पर एक समग्र समीक्षा याचिका भी दायर की है.

केंद्रीय मंत्री और महत्वपूर्ण दलित नेता एवं राजग के सहयोगी लोजपा के प्रमुख रामविलास पासवान ने याचिका दायर करने का शीघ्र निर्णय लेने पर केंद्र सरकार की सराहना की और कांग्रेस पर बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाया.
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