इस्लामाबाद: पाकिस्तान के चीफ जस्टिस मियां साकिब निसार ने देश में सैन्य शासन लगाए जाने की आशंका और अफवाहों को खारिज किया और कहा कि वह इस्तीफा दे देंगे लेकिन ऐसे किसी भी कदम का कभी भी समर्थन नहीं करेंगे. जस्टिस निसार ने आश्वासन दिया कि चुनाव में किसी भी तरह की देरी की इजाजत नहीं दी जाएगी.
उन्होंने जनता से कहा कि वह उन पर भरोसा करें. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की इमारत में एक ऑडिटोरियम का नाम बदलकर दिवंगत मानवाधिकार कार्यकर्ता आस्मां जहांगीर के नाम पर रखने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में निसार ने कहा, ‘‘ संविधान में किसी भी तरह के सैन्य शासन के लिए कोई जगह नहीं है. ’उन्होंने कहा, ‘‘ अगर मैं इसे( सैन्य शासन) को रोक नहीं पाऊंगा तो घर लौट जाऊंगा लेकिन इसका( ऐसे किसी भी कदम) कभी समर्थन नहीं करूंगा. ’’ पद से हटाए गए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक दिन पहले कहा था कि देश सैन्य शासन के कुचक्र में फंस गया है.
पाकिस्तानी अदालत ने सरकार से कहा- हाफिज सईद का उत्पीड़न न करें, सामाजिक कार्य करने दें. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी आम चुनाव में किसी भी तरह की देरी को स्वीकार नहीं करेगी. पाकिस्तान में आम चुनाव जुलाई माह में होने हैं.
आपको बता दें कि 13 फरवरी को पाकिस्तान की प्रख्यात मानवाधिकार वकील और सामाजिक कार्यकर्ता तथा देश के सशक्त सैन्य प्रतिष्ठान की मुखर आलोचक आसमां जहांगीर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. अपने मुखर स्वभाव एवं मानवाधिकार के लिए जज्बे को लेकर चर्चित आसमां जहांगीर (66) पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थीं.
उनकी बेटी मुनीजे जहांगीर ने ट्वीट किया था कि ‘‘मां अस्मां जहांगीर के गुजर जाने से मैं बिल्कुल टूट गई. हम शीघ्र ही अंतिम संस्कार की तारीख की घोषणा करेंगे. हम अपने रिश्तेदारों का लाहौर आने का इंतजार कर रहे हैं. ’’वरिष्ठ वकील अदील राजा ने कहा, ‘‘आज अस्मां को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें लाहौर के हामिद लतीफ अस्पताल के जाया गया था.
उन्होंने जनता से कहा कि वह उन पर भरोसा करें. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की इमारत में एक ऑडिटोरियम का नाम बदलकर दिवंगत मानवाधिकार कार्यकर्ता आस्मां जहांगीर के नाम पर रखने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में निसार ने कहा, ‘‘ संविधान में किसी भी तरह के सैन्य शासन के लिए कोई जगह नहीं है. ’उन्होंने कहा, ‘‘ अगर मैं इसे( सैन्य शासन) को रोक नहीं पाऊंगा तो घर लौट जाऊंगा लेकिन इसका( ऐसे किसी भी कदम) कभी समर्थन नहीं करूंगा. ’’ पद से हटाए गए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक दिन पहले कहा था कि देश सैन्य शासन के कुचक्र में फंस गया है.
पाकिस्तानी अदालत ने सरकार से कहा- हाफिज सईद का उत्पीड़न न करें, सामाजिक कार्य करने दें. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी आम चुनाव में किसी भी तरह की देरी को स्वीकार नहीं करेगी. पाकिस्तान में आम चुनाव जुलाई माह में होने हैं.
आपको बता दें कि 13 फरवरी को पाकिस्तान की प्रख्यात मानवाधिकार वकील और सामाजिक कार्यकर्ता तथा देश के सशक्त सैन्य प्रतिष्ठान की मुखर आलोचक आसमां जहांगीर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. अपने मुखर स्वभाव एवं मानवाधिकार के लिए जज्बे को लेकर चर्चित आसमां जहांगीर (66) पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थीं.
उनकी बेटी मुनीजे जहांगीर ने ट्वीट किया था कि ‘‘मां अस्मां जहांगीर के गुजर जाने से मैं बिल्कुल टूट गई. हम शीघ्र ही अंतिम संस्कार की तारीख की घोषणा करेंगे. हम अपने रिश्तेदारों का लाहौर आने का इंतजार कर रहे हैं. ’’वरिष्ठ वकील अदील राजा ने कहा, ‘‘आज अस्मां को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें लाहौर के हामिद लतीफ अस्पताल के जाया गया था.
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