क्या 2019 से पहले बीजेपी के बागियों को कांग्रेस गले लगाएगी?- bjp-leaders-rebel-congress

बीजेपी के बागी नेता कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं. नरेंद्र मोदी के नीतियों को लेकर लगातार सवाल खड़े करने वाले बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा और दरभंगा से बीजेपी के निलंबित सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद कांग्रेस से 2019 के सियासी रण में अपनी किस्मत अाजमा सकते हैं. सूत्रों की मानें तो बीजेपी से नाराज चल रहे शत्रुघ्न सिन्हा 2019 के लोकसभा चुनाव दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ सकते हैं. वे अपनी दावेदारी को पक्की करने के लिए कांग्रेस नेताओं के संपर्क में भी हैं. मौजूदा समय में इस सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सांसद हैं. बिहारी बाबू फिलहाल बिहार के पटना साहिब लोकसभा सीट से सांसद हैं. शत्रुघ्न के कांग्रेस में शामिल होने और दिल्ली की नॉर्थ ईस्ट सीट से चुनाव लड़ने पर पार्टी नेता इसे चुनावी कयास बता रहे हैं. पर साफ तौर पर इनकार नहीं कर रही है. इस सीट पर पूर्वांचल इलाके के मतदाताओं की अच्छी खासी आबादी हैं. दरअसल शत्रुघ्न सिन्हा पिछले दिनों आरजेडी के इफ्तार पार्टी में पहुंचकर स्पष्ट संकेत दिए थे कि वो महागठबंधन कि टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. इतना ही नहीं उनके विपक्षी दल के नेताओं के साथ रिश्ते बहुत बेहतर हैं. महागठबंधन में वैसे भी पटना साहिब की सीट कांग्रेस के खाते में है. माना जा रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, आरजेडी की तरफ से भी उन्हें टिकट का ऑफर है. दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनकी नजदीकियां किसी से छिपी नहीं है. बता दें कि पिछले दिनों कीर्ति आजाद ने भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का संकेत दिए हैं. दरभंगा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जमकर तारीफ की थी. उनकी पत्नी पूनम आजाद पहले ही कांग्रेस का दामन थाम चुकी हैं. ऐसे में उनके कांग्रेस में जाने की काफी संभावना हैं. कीर्ति आजाद कांग्रेस में शामिल होने के संकेत भले ही दे रहे हो, लेकिन दुविधा ये है कि उनकी सीट दरभंगा से आरजेडी चुनाव लड़ती रही है. ऐसे में वहां से कांग्रेस से टिकट मिलना मुश्किल हो सकता है. अशरफ फातमी आरजेडी की टिकट पर सांसद रह चुके हैं और केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे हैं. कीर्ति आजाद ने कहा था कि बीजेपी ने जो परिस्थितियां बनाई हैं, ऐसे में उनके पास दूसरा विकल्प ही बचा है. अब वो दरभंगा से किसी और पार्टी से चुनाव लड़ेंगे और वो विकल्प एक राष्ट्रीय पार्टी होगी. कांग्रेस में कीर्ति के जाने के संकेत में दम तब और देखने को मिलता है जब कीर्ति आज़ाद ने राहुल गांधी की जमकर तारीफ करते हुए कहा था कि राहुल के कुशल नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी काफी तेजी से आगे बढ़ रही है. राहुल गांधी के अंदर काफी दम भी दिखता है जो सत्ता पक्ष (बीजेपी) के लिए खतरे की घंटी है.
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