2050 तक 60 करोड़ भारतीयों के जीवन स्तर को प्रभावित करेगा जलवायु परिवर्तन: विश्व बैंक- climate-change-will-hit-living-standards-of-600-million

नई दिल्ली :ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण तापमान बढ़ रहा है और देश के कई हिस्सों में बारिश में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ऐसे में विश्व बैंक ने अपनी तरह की पहली स्टडी कर जलवायु परिवर्तन के आर्थिक पहलू को सामने रखा है। इसके मुताबिक अनियंत्रित जलवायु परिवर्तन से भारत का GDP 2.8 फीसदी तक प्रभावित हो सकता है और 2050 तक करीब आधी आबादी का जीवन स्तर नीचे गिरेगा। खासतौर से विदर्भ और मध्य भारत के 'हॉटस्पॉट' जिलों के लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। आशंका जताई गई है कि इन इलाकों में आर्थिक स्थिति में 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। साउथ एशियाज हॉटस्पॉट्स नामक यह स्टडी गुरुवार को जारी की गई। इसमें देश की जीडीपी में प्रति व्यक्ति खपत व्यय के लिहाज से 2 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई गई है। गौर करने वाली बात यह है कि 2015 पैरिस समझौते के तहत ग्लोबल वॉर्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस रखा जाता है तो भी यह परिणाम देखने को मिल सकते हैं। अगर भारत का जीडीपी 2.8 फीसदी कम होता है तो भारत को 2050 तक 1.1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ेगा। स्टडी के मुताबिक गंभीर हॉटस्पॉट जिलों में यह नुकसान औसतन खपत में 9.8 फीसदी की कमी (400 अरब डॉलर से ज्यादा) के तौर पर दिखाई दे सकता है। क्लाइमेट हॉटस्पॉट क्या है? यह ऐसी लोकेशन है जहां औसत तापमान और बारिश के पैटर्न्स में बदलाव का भविष्य में लोगों के लिविंग स्टैंडर्ड पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि तटीय या पहाड़ी इलाकों की तुलना में तापमान बढ़ने का मैदानी इलाकों पर ज्यादा असर होगा और यहां आर्थिक नुकसान का खतरा ज्यादा है। ऐसे में मध्य और उत्तर भारत के इलाकों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में 2050 तक जीवन स्तर में 9 फीसदी की गिरावट होने की आशंका व्यक्त की गई है।
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