नई
दिल्ली: 7वें वेतन आयोग में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी
दिवाली के आसपास यानि नवंबर 2018 में आने की उम्मीद है. हालांकि पहले खबर
थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त 2018 को इसका ऐलान कर दें लेकिन
सूत्रों के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों और नेशनल एनोमेली कमेटी (एनएसी) के
बीच पिछले दिनों हुई बैठक में यह तय हुआ है कि सरकारी कर्मचारियों को 7वें
वेतन आयोग से इतर लाभ चरणबद्ध रूप से दिया जाए. इस बैठक में कई
महत्वपूर्ण फैसले हुए. सबसे बड़ा फैसला यह हुआ कि कर्मचारियों के पे
मैट्रिक्स में व्याप्त विसंगति को खत्म किया जाए. केंद्र सरकार की
योजना सरकारी कर्मचारियों की सैलरी 7वें वेतन आयोग से इतर बढ़ाने की है.
यानि 2.57 गुना फिटमेंट फैक्टर से अधिक के आधार पर सैलरी में बढ़ोतरी की
जाए. इसके लिए वित्तीय सलाहकारों से राय ली जा रही है.
एक अधिकारी ने द सेन टाइम्स को बताया कि केंद्र सरकार वित्तीय परामर्श
लेने के बाद इस पर जल्द फैसला करेगी. वित्तीय परामर्श में यह जानने की
कोशिश होगी कि फैसले से सरकार को कितना नफा-कितना नुकसान होगा. वित्त
मंत्रालय कर्मचारियों की सिर्फ बेसिक पे बढ़ाने पर विचार कर सकता है. इसके
आधार पर ही सरकार एनएसी के प्रस्ताव पर अमल करेगी. यह घोषणा मई 2019 में
होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले की जाएगी. इसके जरिए सरकार की कोशिश सरकारी
कर्मचारियों को खुश करने की है, जिसका लाभ बीजेपी को आम चुनाव में मिल
सकता है.2.57 गुना से 3 गुना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर
सरकार चाहती है कि फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना कर दिया
जाए. इससे कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक पे 18 हजार रुपए से बढ़कर 21 हजार
हो जाएगी. हालांकि कर्मचारियों की मांग है कि बेसिक पे बढ़ाकर 26 हजार
रुपए की जाए. केंद्रीय कैबिनेट ने 2016 में 7वें पे कमिशन को मंजूरी दी थी.
उस समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना करना तय हुआ था. इसका फायदा करीब 1
करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को होगा.जनवरी 2016 में बढ़ा था 14 फीसदी वेतन
जनवरी 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 14 फीसदी की बढ़ोतरी की
गई थी. हालांकि कर्मचारी इस बढ़ोतरी से खुश नहीं थे. क्योंकि कॉस्ट ऑफ
लिविंग और बढ़ती महंगाई के मुकाबले यह बढ़ोतरी कम थी. सरकारी कर्मचारियों
ने सरकार से मांग की थी कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया जाए. यह बढ़ोतरी 7वें
वेतन आयोग की सिफारिशों से इतर होगी. इस बीच, ग्रामीण अंचल में तैनात
पोस्टल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने से लेकर डेपुटेशन पर जाने वाले
कर्मचारियों के भत्ते में बढ़ोतरी तक शामिल है. यह सब 7वें वेतन आयोग की
सिफारिशों के आधार पर हुआ था.
50 लाख कर्मचारी इंतजार में
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने अब तक 50 लाख कर्मचारियों का न्यूनतम
वेतन नहीं बढ़ाया है लेकिन ग्रामीण अंचल में तैनात कर्मचारियों की सैलरी
में 56 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है. जून 2018 की शुरुआत में हुई केंद्रीय
कैबिनेट की बैठक में सरकार ने गांवों में तैनात पार्ट-टाइम पोस्टल सर्विस
स्टाफ का वेतन 56 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था. उन्हें 1 जनवरी, 2016 से
एरियर मिलेगा.
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