आईजीआई से CISF हटी तो कैसे होगी एयरपोर्ट की सुरक्षा-home-ministry-can-withdraw-cisf-security-from-highly-sensitive-delhis-igi-airport

नई दिल्‍ली : दिल्‍ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने अगले तीन महीनों के भीतर करोड़ों की बकाया राशि का भुगतान सीआईएसएफ को नहीं किया तो इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट से सीआईएसएफ की सुरक्षा को वापस लिया जा सकता है. जी हां, आईजीआई एयरपोर्ट से सीआईएसएफ की सुरक्षा वापस लेने का यह फैसला हाल में गृह मंत्रालय ने लिया है. गृह मंत्रालय के सचिव ने इस बाबत नागर विमानन मंत्रालय को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि दिल्‍ली एयरपोर्ट की संचालक संस्‍था डायल निर्धारित समय सीमा के भीतर करोड़ों की बकाया राशि का भुगतान नहीं करती है तो गृह मंत्रालय को मजबूरन आईजीआई एयरपोर्ट से सीआईएसएफ को हटाने का कड़ा फैसला लेना पड़ सकता है. गृह मंत्रालय ने बीते कई सालों में नागर विमानन मंत्रालय और डायल के रुख को देखते हुए आईजीआई एयरपोर्ट से सीआईएसएफ की सुरक्षा को हटाने का पूरा खाका खींच लिया है. अब नागर विमानन मंत्रालय को फैसला करना है कि वह डायल से बकाया रुपयों का भुगतान कराने के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की सुरक्षा को बरकरार रखती है, या फिर डायल की जिद के सामने झुककर आईजीआई एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए नई सुरक्षा एजेंसी का चुनाव करती है. गृह मंत्रालय का यह है IGI एयरपोर्ट से CISF हटाने का प्‍लान गृह सचिव द्वारा विमानन मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा गया है कि डायल को 30 सितंबर तक सीआईएसएफ की बकाया राशि का भुगतान करना होगा. इस समय सीमा के भीतर डायल बकाया का राशि का भुगतान नहीं करता है तो अक्‍टूबर महीने में सीआईएसएफ को एयरपोर्ट से हटाने का काम चरणवद्ध तरीके से शुरू कर दिया जाएगा. पहले चरण में सबसे पहले एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल में तैनात सीआईएसएफ के जवानों को हटाया जाएगा. दूसरे चरण में पैराफेरी, लाउंज सहित अन्‍य नॉन एविएशन रिलेटेड‍ सिक्‍योरिटी प्‍वाइंट से सीआईएसएफ को हटाया जाएगा. इस तरह, चरणवद्ध तरीके से सीआईएसएफ के जवानों को पूरे एयरपोर्ट से हटा लिया जाएगा. गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि इस वर्ष दिसंबर के अंत तक एयरपोर्ट से सीआईएसएफ को एयरपोर्ट से हटाने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा. डी-इंडक्‍शन के लिए डायल को करना होगा 3 महीने का एडवांस पेमेंट बीते पांच सालों से जवानों के वेतन के भुगतान को लेकर लगातार हो रही आनाकानी के चलते गृह मंत्रालय की नजर में डायल की छवि बेहद धूमिल हो चुकी है. यही वजह है कि गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में स्‍पष्‍ट किया है कि एयरपोर्ट से सीआईएसएफ को हटाने के बाद डायल पुन: सीआईएसएफ को डि-इंडक्‍ट करने की प्रस्‍ताव गृह मंत्रालय भेजती है तो डायल को तीन महीने का अग्रिम भुगतान सीआईएसएफ और गृह मंत्रालय के कंसोलिडेटेड फंड में करना होगा. उल्‍लेखनीय है कि आईजीआई एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ के करीब 4000 जवानों की तैनाती की गई है. एयरपोर्ट की संवेदनशीलता को देखते हुए सीआईएसएफ के जवानों की संख्‍या बढ़ाकर करीब 6500 करने का प्रस्‍ताव है. डायल और सीआईएसएफ के बीच चले आ रहे रुपयों के विवाद के चलते सीआईएसएफ की नई तैनाती का प्रस्‍ताव तो रुक ही गया है, साथ ही, एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए नए सवाल भी खड़े हो गए हैं. डायल को करना है करीब 600 करोड़ रुपए का भुगतान सीआईएसएफ के सूत्रों के अनुसार दिल्‍ली एयरपोर्ट की संचालक संस्‍था डायल और सीआईएसएफ के बीच करीब 600 करोड़ रुपए की बकाया राशि को लेकर पांच-छह सालों से विवाद चल रहा है. दरअसल, नियमों के तहत एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ कर्मियों के वेतन का भुगतान करने की जिम्‍मेदारी डायल की है. इसके अलावा, एयरपोर्ट पर सुरक्षा के लिहाज से आधारभूत संरचना और उपकरण उपलब्‍ध कराने का दायित्‍व भी डायल का है. सीआईएसएफ का बीते कई सालों से आरोप रहा है कि एयरपोर्ट पर जवानों की तैनाती के एवज में मिलने वाली राशि का बेहद मामूली से हिस्‍से का भुगतान डायल कर रहा है. जिसके चलते, बीते पांच-छह सालों में यह बकाया राशि बढ़ते-बढ़ते 600 करोड़ तक पहुंच गई है.
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