अधिकारियों पर किसका अधिकार? दिल्ली में अब ट्रांसफर-पोस्टिंग पर छिड़ी जंग- right-to-post-and-transfer-officers

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार और एलजी के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी विवाद थमता नहीं दिख रहा है। अब केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारियों पर अधिकार को लेकर टकराव बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अधिकारी दिल्ली सरकार का आदेश नहीं मान रहे हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। खबरें हैं कि दिल्ली सरकार अधिकारियों का तबादला करने की तैयारी कर रही है। अधिकारी इस फैसले का विरोध कर सकते हैं। एक सीनियर ब्यूरोक्रेट्स ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सर्विसेज डिपार्टमेंट मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के निर्देश पर किए गए इंटरनल ट्रांसफर और पोस्टिंग का विरोध करेगा। बता दें कि सर्विसेज पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। दिल्ली सरकार दावा कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सर्विसेज पर अब उसके अधीन है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा, 'चुनी हुई सरकार के पास लैंड, पब्लिक ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर सभी मामलों में फैसला लेने की शक्ति है, जिसमें सर्विसेज भी शामिल है।' जहां दिल्ली में या दिल्ली से बाहर नियुक्तियों और ट्रांसफर का विशेषाधिकार गृह मंत्रालय के पास बना रहेगा, वहीं दिल्ली सरकार फैसले की व्याख्या इस तरह कर रही है कि सभी डिपार्टमेंट्स में दिल्ली सरकार अपने विवेक के आधार पर ट्रांसफर का फैसला ले सकती है। सर्विसेज डिपार्टमेंट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय के मई 2015 में जारी किए गए नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया है। अभी रेग्युलर बेंच में मामले की सुनवाई होगी। सीनियर ब्यूरोक्रेट्स का मानना है कि जब तक इस मामले की सुनवाई नहीं होती है, तब तक सर्विसेज के सभी अधिकार एलजी के दायरे में होंगे। आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर कहा, 'दिल्ली सर्विस डिपार्टमेंट ने यह कहते हुए मनीष सिसोदिया के आदेश को मानने से इनकार कर दिया है कि सरकार ट्रांसफर के फैसले नहीं ले सकती, यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है।'
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