आम आदमी पार्टी को इन बड़े चेहरों ने कहा अलविदा- after-ashutosh-ashish-khetan-too-quits-aap

आम आदमी पार्टी से एक के बाद एक कई नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। हाल ही में केजरीवाल का साथ छोड़नेवालों में आशुतोष और आशीष खेतान का नाम जुड़ गया है। देखें अब तक किस-किस ने कहा पार्टी को अलविदा...पत्रकार से नेता बने आप प्रवक्ता आशुतोष ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, केजरीवाल ने उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए कहा कि आशुतोष हमारे दिल में हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि राज्यसभा सीटों को लेकर पार्टी से आशुतोष के मतभेद काफी बढ़ गए, जिसके बाद उन्होंने रास्ता अलग करने का ही फैसला ले लिया।मीडिया में ऐसी खबरें भी हैं कि आशीष खेतान ने आशुतोष के साथ ही इस्तीफा दे दिया था, लेकिन केजरीवाल उन्हें मनाने में जुटे थे। कहा जा रहा है कि खेतान को पार्टी लोकसभा टिकट देने के लिए तैयार है, लेकिन वह मनचाही सीट नहीं मिलने के कारण नाराज हैं। हालांकि, खेतान ने इस्तीफे की वजह वकालत के पेशे पर ध्यान देने को बताया और कहा कि वह सक्रिय राजनीति से दूर हो रहे हैं। कभी आप के लोकप्रिय चेहरों में शुमार रहे कुमार विश्वास भी अब पार्टी से पूरी तरह किनारा कर चुके हैं। आशुतोष और आशीष खेतान से अलग विश्वास सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर केजरीवाल और दिल्ली की आप सरकार का जमकर विरोध भी करते नजर आते हैं।2015 में आम आदमी पार्टी में आंतरिक कलह के बाद मेधा पाटकर ने इस्तीफा दे दिया था। सामाजिक कार्यकर्ता पाटकर ने कहा था, पार्टी अपने उद्देश्यों से भटक गई है और यह देखना दुखद है। पाटकर ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के समर्थन में इस्तीफा दिया था।2015 में आम आदमी पार्टी में घमासान के बाद प्रफेसर आनंद कुमार को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से शाजिया इल्मी आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार थीं। हालांकि, जीत तो दूर शाजिया अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं। इसके कुछ ही दिन बाद आप से नाता तोड़कर शाजिया बीजेपी में शामिल हो गईं। '5 साल केजरीवाल' के गीत को कंपोज करनेवाले विशाल डडलानी का भी जल्द ही पार्टी से मोहभंग हो गया। 2015 में दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान डडलानी काफी ऐक्टिव थे, लेकिन उसके कुछ समय बाद ही उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी और अपने बॉलिवुड करियर में रम गए। सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमनिया ने भी जल्द ही पार्टी से रिश्ता तोड़ लिया। 2014 में इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा कि वह केजरीवाल को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हैं। मशहूर वकील प्रशांत भूषण को केजरीवाल से मतभेदों के बाद पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। भूषण इसके बाद से स्वराज इंडिया अभियान से जुड़े हैं। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के बाद से स्वराज इंडिया अभियान से जुड़े हैं। यादव केंद्र की बीजेपी सरकार को किसानविरोधी बताते हुए लगातार अपना विरोध दर्ज करते रहे हैं।
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