पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की बेटी व राज्यसभा सांसद मीसा भारती (Misa Bharti) तथा उनके पति शैलेष कुमार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूरक आरोप पत्र (Supplementary Charge Sheet) दायर किया है। ईडी ने यह आरोप पत्र दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मुकदमे में दायर किया है। इसपर कोर्ट में 27 जुलाई को सुनवाई होगी।
मीसा भारती और उनके पति शैलेष कुमार पर आरोप है कि उन्होंने आठ हजार करोड़ के काले धन को सफेद किया है। इस मामले में ईडी ने कोर्ट के आदेश पर मीसा के दिल्ली स्थित फॉर्म हाउस को जब्त कर लिया था। ईडी द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग के इस पूरक आरोप पत्र पर दिल्ली हाईकोर्ट 27 जुलाई को सुनवाई करेगा। पूरक आरोप पत्र विशेष जज अरूण भारद्वाज के कोर्ट में लोक अभियोजक अतुल त्रिपाठी ने दायर किया। यह है मामला
- मीसा भारती और उनके पति पर व्यवसायी सुरेंद्र जैन तथा वीरेंद्र जैन की कंपनी के साथ मिलकर आठ हजार करोड़ रुपये के काले धन को सफेद करने का आरोप है। इस मामले में व्यवसायी कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं। ईडी उनसे पूछताछ कर चुका है।
- 23 दिसंबर 2017 को कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में ईडी ने मीसा व उनके पति शैलेश कुमार और अन्य को आरोपी बनाया है। ईडी ने मीसा भारती से पूछताछ की थी तथा दिल्ली में उनके तीन ठिकानों पर छापे भी मारे थे।
- मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में व्यवसायी गगन धवन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। इसके पहले ईडी ने जुलाई में मीसा भारती के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल के खिलाफ पूरक आरोप-पत्र दायर किया था, जिसमें व्यवसायी बंधु सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन सहित 35 लोग आरोपित बनाए गए थे।
- ईडी ने इस मामले में 20 मार्च को जैन बंधुओं को गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी ने पहला आरोप-पत्र मई में दायर किया था, जिसके बाद 22 मई को मीसा भारती के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। राजेश अग्रवाल पर मीसा भारती के पति की कंपनी (मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड) को गलत तरीके से मदद करने का भी आरोप है।
ईडी के शिकंजे में तेजस्वी भी
ईडी के रडार पर केवल मीसा भारती ही नहीं, बल्कि उनके भाई व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी हैं। आइआरसीटीसी होटल आवंटन घोटाला मामले में दिल्ली का पटियाला हाउस कोर्ट 23 जुलाई को फैसला सुनाएगा। उस दिन कोर्ट तय करेगा कि सीबीआइ के आरोप तय होने तक ईडी के आरोप तय हो सकते हैं या नहीं। ईडी ने यह मुकदमा सीबीआइ की प्राथमिकी पर दर्ज किया है।
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