भारत के दबाव का असर, PAK ने करतारपुर कमेटी से खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को हटाया-Loktantra Ki Buniyad

करतारपुर कॉरिडोर पर रविवार को भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाली अहम वार्ता से पहले भारत के दबाव में झुकते हुए पाकिस्तान सरकार ने अहम कदम उठाया है. पाकिस्तान ने आतंकी हाफिद सईद के खास गुर्गे और खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया है. गोपाल सिंह चावला अब करतारपुर कॉरिडोर कमेटी का भी सदस्य नहीं है. करतारपुर कॉरिडोर कमेटी में गोपाल सिंह चावला को शामिल करने पर भारत ने सख्त नाराजगी जताई थी. इसी मुद्दे पर भारत ने पिछली बार इस बैठक को रद्द कर दिया था. इसके बाद रविवार को अटारी-वाघा बॉर्डर पर शुरु होने वाली बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार ने गोपाल सिंह चावला को इस कमेटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.हाफिज का साथी, खालिस्तान समर्थक है चावला गोपाल सिंह चावला पाकिस्तान में बैठा भारत का दुश्मन है. पाकिस्तान में उसके ताल्लुकात आतंकी हाफिज सईद और जैश सरगना मसूद अजहर से है. पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई (ISI) के अफसरों का वो खास कारिंदा है. पाकिस्तान में उसकी पहुंचा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएम इमरान खान तक उससे मुलाकात करते हैं. आईएसआई गोपाल सिंह चावला का इस्तेमाल पंजाब में खालिस्तानी और अलगाववादी भावनाओं को भड़काने के लिए करती रहती है. कुछ महीने पहले गोपाल सिंह चावला की तस्वीरें पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा के साथ सामने आई थी. अप्रैल में भारत ने रद्द कर दी वार्ता करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच इस साल अप्रैल में भी वार्ता होने वाली थी. इस वार्ता से पहले जब पाकिस्तान ने करतापुर कॉरिडोर की निगरानी के 10 सदस्यों की कमेटी का ऐलान किया तो भारत बेहद नाराज हुआ. इस कमेटी खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने वाले गोपाल सिंह चावला, मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिशन सिंह और कुलजीत सिंह जैसे नाम थे. भारत सरकार के सूत्रों ने कहा था कि ये नाम भारत में अलगाववादी और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल थे. भारत ने इस मसले पर पाकिस्तान के डिप्टी हाई कमिश्नर को बुलाकर सफाई भी मांगी थी. दरअसल भारत को शक है कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के बहाने पंजाब में ऐसे तत्वों की घुसपैठ करा सकता है जो वहां पर अलगाववादी आंदोलन को हवा दे सकते हैं. भारत ने इन नामों पर सख्त विरोध जताते हुए करतारपुर कॉरिडोर पर बात करने से ही इनकार कर दिया था. भारत की नाराजगी के बाद ही पाकिस्तान ने नयी कमेटी का ऐलान किया है. 14 जुलाई को होने वाली इस बैठक में यात्रियों की आसान आवाजाही, यात्रियों की संख्या, बुनियादी सुविधाएं, विवादित पुल का मुद्दा सामने आएगा.
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