मुजफ्फरपुर पीड़िता से गैंगरेप मामले में चार आरोपी अरेस्ट, एक अन्य की तलाश तेज- Loktantra Ki Buniyad

बेतिया: बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की पीड़िता से गैंगरेप मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्‍य की तलाश जोरों पर है। पीड़िता ने गत शनिवार को अपने साथ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। इस केस में एडीजी (पुलिस मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने कहा कि जांच में पाया गया है कि आरोपी और पीड़िता एक दूसरे को जानते थे। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता नाबालिग है। उसकी उम्र 15-17 वर्ष के बीच है।पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि शुक्रवार की रात वह अपने मुहल्ले में ही थी। इसी दौरान कार सवार चार लोगों ने उसे गाड़ी के भीतर खींच लिया। शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने चलती गाड़ी में उसके साथ बलात्कार किया और फिर उसे वापस मोहल्ले के पास छोड़ कर फरार हो गए। पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने नकाब पहना हुआ था लेकिन विरोध के दौरान उसने उनका नकाब हटा दिया था। बिहार छोड़कर भागने की फिराक में थे आरोपी सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने सोमवार की रात चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ये सभी बिहार छोड़कर कहीं और भागने की फिराक में थे। पश्चिम चंपारण के पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने मंगलवार को बताया कि इस मामले में तीन नामजद एवं एक अज्ञात आरोपी को सोमवार की रात बगहा-बेतिया मार्ग से गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सभी आरोपी बिहार छोड़कर भागने की फिराक में है, तभी पुलिस ने इन चारों को गिरफ्तार कर लिया।स्कॉर्पियो चालक की भी पुलिस को तलाश उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में साजन कुमार, कुंदन कुमार, आकाश कुमार एवं अंशु कुमार हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक अन्य फरार नामजद आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। इस घटना में इस्तेमाल स्कॉर्पियो और उसके चालक की भी पुलिस तलाश कर रही है, इसमें अब तक पुलिस को सफलता नहीं मिली है। जयंतकांत ने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपयों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस की कोशिश दोषियों के खिलाफ त्वरित सुनवाई कर सजा दिलाने की है। गैंगरेप के इस मामले में पीड़िता का भी न्यायालय में बयान दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने फरेंसिक जांच के लिए पीड़िता के कपड़ों को जब्त किया है।'अपने परिवार के साथ रह रही थी पीड़िता' एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा, 'रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को शेल्टर होम से रिहा कर दिया गया था और इन सबके बीच यह घटना घटित हुई। यह पूरी तरह से झूठ है, इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है।' उन्होंने कहा, 'वह मई 2018 में मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन में मिली थी और उसे सात दिनों के लिए मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रखा गया। इसके बाद उसे मोकामा में शिफ्ट कर दिया गया, जहां पर वह 1.5 महीने तक रही। उसे जुलाई 2018 में छोड़ दिया गया और तब से वह अपने परिवार के साथ रह रही थी।' सीबीआई को सौंपी गई थी जांच गौरतलब है कि पिछले साल मुजफ्फरपुर शहर स्थित एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ यौन शोषण का मामला प्रकाश में आने पर पिछले साल 26 जुलाई को राज्य सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी। क्या है पूरा मामला? उल्लेखनीय है कि बेतिया शहर के एक मोहल्ले में एक लड़की शुक्रवार की रात अपने पड़ोस में किसी परिचित के घर सोने जाने के लिए घर से निकली थी। इसी दौरान एक कार में सवार चार युवकों ने उसे गाड़ी में खींच लिया। पीड़िता का आरोप है कि युवकों ने चलती गाड़ी में ही सामूहिक दुष्कर्म किया, उसके बाद युवकों ने लड़की को लाकर उसके मोहल्ले में छोड़ दिया। पीड़िता के बयान पर महिला थाना में सामूहिक दुष्कर्म की एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें चार लोगों को नामजद आराोपी बनाया गया है। आरोपियों में दो सगे भाई हैं। पीड़िता मुजफ्फरपुर बालिका आवास गृह में रह चुकी है।
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