शह-मात के खेल में गच्चा खा गई शिवसेना

नई दिल्ली: पिछले 24 घंटे के भीतर महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में कई रंग दखने को मिले हैं. इस राजनीतिक खेल का केंद्र शिवसेना (Shiv Sena) रही, लेकिन आखिरकार वह हार गई. इस पूरे राजनीतिक परिदृष्य की तुलना क्रिकेट मैच से करें तो शिवसेना (Shiv Sena) ने पूरे दिन शानदार बैटिंग की, लेकिन जब मैच जितने का वक्त आया तो वह कांग्रेस (Congress) की गुगली पर बोल्ड हो गई. राजनीति के छात्र के तौर पर इसे समझें तो पूरे खेल में यही समझ आया कि शिवसेना (Shiv Sena) ने बचकानी राजनीति की. सरकार बनाने को लेकर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) इतने उतावले हो गए कि वह देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस (Congress) के सामने खुद की फजीहत करा बैठे. साथ ही शिवसेना (Shiv Sena) शरद पवार (Sharad Pawar) जैसे काबिल शरद पवार (Sharad Pawar) की चाल को भी ठीक से भांप नहीं पाए. आइए विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं कि शिवसेना (Shiv Sena) कैसे गच्चा खा गई.उतावली दिखी शिवसेना (Shiv Sena) रविवार शाम को बीजेपी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सूचित किया कि वह अकेले दम पर महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने में सक्षम नहीं हैं. इसके बाद राज्यपाल कोश्यारी ने नंबर दो पार्टी शिवसेना (Shiv Sena) को यह मौका दिया. रविवार देर शाम तक खबर आई की शिवसेना (Shiv Sena) और एनसीपी के बीच सरकार बनाने को लेकर डील फाइनल हो चुकी है. खबर आई की डील के तहत उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) खुद मुख्यमंत्री बनेंगे. एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के भतीजे अजित पवार को उप मुख्यमंत्री का पद मिल सकता है और जयंत पाटिल को गृहमंत्री का पद दिया जा सकता है. इस सरकार को बाहर से समर्थन करने के एवज में कांग्रेस (Congress) को विधानसभा अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है. इस खबर को और हवा शिवसेना (Shiv Sena) सांसद संजय राउत की ओर से मीडिया में दिए गए बयान से मिली. शिवसेना (Shiv Sena) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार शाम को कहा कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना (Shiv Sena) का बनेगा, उन्होंने कह दिया मतलब समझिए वही होगा, चाहे वह किसी भी कीमत पर हो. बिना सोचे समझे शिवसेना (Shiv Sena) ने तोड़ा मोदी सरकार से नाता शिवसेना (Shiv Sena) की ओर से जारी यह बयान उस वक्त हल्की साबित हुई जब सरकार बनाने को लेकर सोमवार को बातचीत का दौर शुरू हुआ. दोपहर करीब एक बजे शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) खुद एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मिलने मुंबई के होटल ताज लैंड्स एंड पहुंचे. मीडिया में खबरें आई की एनसीपी और शिवसेना (Shiv Sena) में डील फाइनल हो गई है. इसी बीच एनसीपी प्रवक्ता भुक्कल नवाब ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह शिवसेना (Shiv Sena) के साथ मिलकर सरकार बनाने को तैयार हैं, लेकिन इसपर कांग्रेस (Congress) की सहमति जरूरी है. नवाब के इस बयान से संकेत मिल गया था कि डील में अभी भी पेंच फंसा हुआ है. इसी दौरान मीडिया में ये भी खबरें आई की शरद पवान ने शिवसेना (Shiv Sena) के सामने शर्त रखी है कि वह बीजेपी से पहले नाता तोड़े और केंद्र सरकार से अपने मंत्री का इस्तीफा कराए. तभी खबर आई की शिवसेना (Shiv Sena) नेता अरविंद सावंत ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया है. इस इस्तीफे के बाद लगा कि शिवसेना (Shiv Sena) सरकार बनाने का जुगाड़ कर चुकी है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं था.
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