धर्म व जाति के आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव का क्या उचित है-Susheel modi

susheel-modiपटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुसलिम महिला परित्यक्ता योजना के तहत तलाकशुदा मुसलिम महिलाओं को तो राज्य सरकार स्वनियोजन के लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करती है, लेकिन हिंदू परित्यक्ता महिलाओं के लिए सरकार की इस तरह की कोई योजना नहीं है. धर्म व जाति के आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव का क्या उचित है.
मुसलिम समाज की कुप्रथा तीन तलाक और बहु विवाह पर भी मुख्यमंत्री को वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठ कर मुसलिम महिलाओं की लड़ाई लड़नी चाहिए. मोदी ने कहा कि तलाकशुदा 12 हजार से अधिक मुसलिम महिलाओं को स्वनियोजन के लिए राज्य सरकार की ओर से अब तक 15 करोड़ की राशि प्रदान की गयी है. इसी प्रकार सरकार को परित्यक्ता हिंदू महिलाओं को भी स्वनियोजन व आर्थिक स्वावलंबन के लिए सहायता राशि देनी चाहिए.
महिला चाहे किसी भी धर्म व जाति की हों, उनकी समस्याएं व जरूरतें एक ही तरह की हैं, फिर भेदभाव क्यों. 10 हजार की सहायता राशि को भी बढ़ा कर 25 हजार करने की जरूरत है. जदयू जैसा राजनीतिक दल और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार तीन तलाक और बहु विवाह जैसी प्रथा को मुसलिम समाज का आंतरिक मामला बता कर मुंह नहीं मोड़ सकते हैं. शोषण का कारण बनी तीन तलाक जैसी प्रथा को मुसलिम महिलाओं की ओर से ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है. किसी भी समाज व धर्म का पुरुष वर्ग आसानी से अपने अधिकारों को छोड़ना नहीं चाहता है. नीतीश कुमार बतायें कि क्या आंतरिक मामला का बहाना बना कर मुसलिम महिलाओं को प्रताड़ित होने के लिए छोड़ा जा सकता है.
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