नई दिल्ली। चलन से बाहर हो चुके नोटों को जमा कराने की 50 दिन की अवधि बुधवार को पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नव वर्ष की शुरूआत से पहले देश को संबोधित करने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नव वर्ष की शुरूआत से पहले देश को संबोधित कर सकते हैं।’’ अभी, यह स्पष्ट नहीं है कि वह देश को शुक्रवार को संबोधित करेंगे या शनिवार को। इससे पहले नोटबंदी पर विपक्ष का जवाब देने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। वित्त मंत्रालय की तरफ से 60 पेज का दस्तावेज तैयार किया गया है, जिसमें नोटबंदी के सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई है। इसके अलावा मंत्रियों से नोटबंदी के बारे में विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे अफवाहों का जवाब देने के लिए मंत्रियों से कम से कम अपने इलाकों में 10 जगहों पर रैली करने को कहा गया है।
प्रधानमंत्री अपने संबोधन में नोटबंदी के बाद के रोडमैप के बारे में बोल सकते हैं। वह नोटबंदी के बाद से एक बड़ी समस्या बने रहे नकदी के प्रवाह को सुगम बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी खासतौर पर बोल सकते हैं। आठ नवंबर को हुई नोटबंदी की घोषणा के बाद अर्थव्यवस्था के सामने पेश आई समस्याओं से निपटने के कदमों पर भी बोल सकते हैं। पिछले कुछ सप्ताह में अपनी जनसभाओं में प्रधानमंत्री सरकार के फैसले के बाद हुई परेशानी को सहन करने की अपील जनता से करते रहे हैं। वह कहते रहे हैं कि 50 दिन की अवधि पूरी हो जाने के बाद यह परेशानी धीरे-धीरे दूर होनी शुरू हो जाएगी।
मंगलवार को मोदी ने मौजूदा आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से मुलाकात की थी। बैठक में नोटबंदी के बाद पैदा हुए हालात के बारे में जानकारी दी गई। केंद्र सरकार ने बुधवार को पुराने नोटों के संबंध में अध्यादेश को मंजूरी दी थी। अध्यादेश के मुताबिक पुराने नोट रखने वालों को जुर्माना और जेल हो सकती है। हालांकि अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाना है।
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