शरद यादव की सफाई- बेटी और वोट के प्रति मोहब्‍बत एक जैसी हो- Sharad Yadav Clarifies

पटना/नई दिल्‍ली : जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष और राज्‍यसभा सांसद शरद यादव के 'बेटी की वोट' से तुलना किए जाने के विवादास्पद बयान के बाद विवाद बढ़ गया है। शरद यादव के बयानों पर बुधवार को खास राजनीतिक बवाल जारी है और राजनीति पूरी तरह गर्मा गई है। वहीं, बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां शरद यादव पर जमकर निशाना साधा, वहीं सत्ताधारी जद (यू) अपने पूर्व अध्यक्ष के बचाव में उतर गई है।


हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद शरद यादव ने बुधवार को अपने बयान को लेकर सफाई दी और कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया। उन्‍होंने सफाई देते हुए कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा। बेटी और वोट के प्रति मोहब्‍बत एक सी होनी चाहिए। मैंने बिल्‍कुल गलत नहीं कहा, जैसे बेटी से प्‍यार करते हैं, वैसे ही वोट से भी करना चाहिए तब देश और राज्‍य की सरकार अच्‍छी बनेगी। वहीं, राष्‍ट्रीय महिला आयोग ने इस बयान को लेकर उन्‍हें नोटिस जारी कर दिया है। बता दें कि शरद यादव ने मंगलवार को एक विवादित बयान दिया था जिसमें उन्‍होंने बेटी की इज्‍जत की तुलना वोट से की थी।

गौर हो कि जद (यू) के वरिष्ठ नेता और सांसद ने पटना में मंगलवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह में कहा कि वोट की इज्जत बेटी की इज्जत से बड़ी होती है। इस बयान का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो मामला गर्मा गया। शरद यादव ने कहा कि लोगों को यह बताना बेहद जरूरी है कि बैलट पेपर कैसे काम करता है। वोट की इज्जत आपकी बेटी की इज्जत से ज्यादा बड़ी होती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर बेटी की इज्जत गई तो सिर्फ गांव और मुहल्ले की इज्जत जाएगी, लेकिन अगर वोट एक बार बिक गया, एक बार गड़बड़ हो गया, तो देश और सूबे की इज्जत चली जाएगी। सारे सपने खत्म हो जाएंगे।

इस बयान पर भाजपा ने निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे बयान लड़कियों और महिलाओं के प्रति उस पार्टी के दृष्टिकोण को दिखाता है। वहीं, बता दें कि इस समारोह के दौरान शरद यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हुए घोटाले की वजह पूरे देश में उसकी हालत इमरजेंसी जैसी हो गई है।

इधर, जद (यू) शरद यादव के बचाव में उतर आई है। जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष के बयान को बड़े परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भाषा की मर्यादा सभी को रखनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि शरद यादव इससे पहले भी महिलाओं पर दिए गए विवादास्पद बयानों को लेकर विवादों में घिर चुके हैं।
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