पुणे: वर्ल्ड नंबर वन टेस्ट टीम भारत और वर्ल्ड नंबर दो ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच काफी रोमांचक हो गया है. पहले दिन टीम इंडिया ने जहां वर्ल्ड क्लास खेल दिखाते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को टिकने का मौका नहीं दिया, वहीं दूसरे दिन कंगारुओं ने वापसी करते हुए इंडिया की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी और उसे पहली पारी में लंच के बाद 105 रन पर ही समेट दिया. 155 रनों की बढ़त के साथ दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 3 विकेट पर 103 रन बना लिए हैं. स्टीव स्मिथ (48) और मैट रेनशॉ (29) क्रीज पर हैं. कंगारू टीम की कुल बढ़त 262 रन हो गई है. आर अश्विन ने डेविड वॉर्नर (10 रन), शॉन मार्श को (0) और पीटर हैंड्सकॉम्ब (19) को आउट करके इंडिया को तीन सफलताएं दिला दी हैं.
चायकाल के बाद कप्तान स्टीव स्मिथ और पीटर हैंड्सकॉम्ब ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी को 2 विकेट पर 46 रन से आगे बढ़ाया. दोनों ने 38 रन की साझेदारी करके टीम को मजबूती देने की कोशिश की, लेकिन शानदार फॉर्म में चल रहे टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने पारी की तीसरा विकेट झटकते हुए इंडिया की वापसी की कुछ उम्मीद जगा दी. उन्होंने हैंड्सकॉम्ब को 19 रन पर मुरली विजय के हाथों लेग गली पर कैच करा दिया.
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दूसरे दिन लंच से पहले पहली पारी में मिचेल स्टार्क को आउट करने के साथ ही भारत के महान ऑलराउंडर कपिल देव का एक रिकॉर्ड तोड़ दिया. उन्होंने होम सीजन में 64 विकेट हासिल करके कपिल देव के किसी होम सीजन में सबसे अधिक 63 विकेटों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया. दूसरी पारी में उन्होंने टीम इंडिया के ही स्पिनर अनिल कुंबले के 11 मैचों में 64 विकेट (2004-05) के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ा. वर्ल्ड लेवल पर वह दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन से पीछे हैं, जो 12 मैचों में 78 विकेट (2007-08 के सीजन में) के साथ पहले नंबर पर हैं, जबकि अश्विन के नाम अब 10 मैचों में कुल 67 विकेट हो गए हैं. अश्विन भारतीय धरती पर 200 विकेट पूरे करने के भी करीब हैं. इसके लिए उन्हें सिर्फ 7 विकेट चाहिए. ऐसे करते ही वह अनिल कुंबले (350), हरभजन सिंह (265) और कपिल देव (219) के बाद ये उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे भारतीय गेंदबाज बन जाएंगे.
पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को भारत ने अपने आखिरी 7 विकेट 11 रन पर खो दिए. 1932 से टेस्ट क्रिकेट खेल रही टीम इंडिया का अब तक का यह उसका सबसे खराब प्रदर्शन है. आंकड़े बताते हैं- इससे पहले भारत का सबसे खराब प्रदर्शन न्यूजीलैंड के खिलाफ फरवरी 1990 में क्राइस्टचर्च टेस्ट में रहा था, जब 18 रन पर इतने विकेट उसने खो दिए थे. उस टेस्ट में भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 164 रन पर सिमट गयी थी. 146 से 164 रन के बीच भारत ने 7 विकेट खो दिए थे.
चायकाल के बाद कप्तान स्टीव स्मिथ और पीटर हैंड्सकॉम्ब ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी को 2 विकेट पर 46 रन से आगे बढ़ाया. दोनों ने 38 रन की साझेदारी करके टीम को मजबूती देने की कोशिश की, लेकिन शानदार फॉर्म में चल रहे टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने पारी की तीसरा विकेट झटकते हुए इंडिया की वापसी की कुछ उम्मीद जगा दी. उन्होंने हैंड्सकॉम्ब को 19 रन पर मुरली विजय के हाथों लेग गली पर कैच करा दिया.
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दूसरे दिन लंच से पहले पहली पारी में मिचेल स्टार्क को आउट करने के साथ ही भारत के महान ऑलराउंडर कपिल देव का एक रिकॉर्ड तोड़ दिया. उन्होंने होम सीजन में 64 विकेट हासिल करके कपिल देव के किसी होम सीजन में सबसे अधिक 63 विकेटों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया. दूसरी पारी में उन्होंने टीम इंडिया के ही स्पिनर अनिल कुंबले के 11 मैचों में 64 विकेट (2004-05) के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ा. वर्ल्ड लेवल पर वह दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन से पीछे हैं, जो 12 मैचों में 78 विकेट (2007-08 के सीजन में) के साथ पहले नंबर पर हैं, जबकि अश्विन के नाम अब 10 मैचों में कुल 67 विकेट हो गए हैं. अश्विन भारतीय धरती पर 200 विकेट पूरे करने के भी करीब हैं. इसके लिए उन्हें सिर्फ 7 विकेट चाहिए. ऐसे करते ही वह अनिल कुंबले (350), हरभजन सिंह (265) और कपिल देव (219) के बाद ये उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे भारतीय गेंदबाज बन जाएंगे.
पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को भारत ने अपने आखिरी 7 विकेट 11 रन पर खो दिए. 1932 से टेस्ट क्रिकेट खेल रही टीम इंडिया का अब तक का यह उसका सबसे खराब प्रदर्शन है. आंकड़े बताते हैं- इससे पहले भारत का सबसे खराब प्रदर्शन न्यूजीलैंड के खिलाफ फरवरी 1990 में क्राइस्टचर्च टेस्ट में रहा था, जब 18 रन पर इतने विकेट उसने खो दिए थे. उस टेस्ट में भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 164 रन पर सिमट गयी थी. 146 से 164 रन के बीच भारत ने 7 विकेट खो दिए थे.
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