पन्नीरसेल्वम के बाद आइटी विंग के आर रामाचंद्रन को पद से हटाया शशिकला ने - R ramachandran out from IT wings

चेन्नई : जयललिता के निधन के बाद एआइएडीएमके अब दो फाड़ होती नजर आ रही है और संगठन व सरकार पर कब्जे की जंग तेज हो गयी है. इस क्रम में वीके शशिकला समर्थक विधायक को अज्ञात जगह पर ले जाया गया है, ताकि वे पन्नीरसेल्वम गुट से प्रभावित नहीं हो सकें. साथ ही पार्टी सांसद राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और यह शिकायत करेंगे कि राज्यपाल राज्य में नयी सरकार के गठन व शशिकला के शपथग्रहण में जानबूझकर विलंब कर रहे हैं. इस बीच, ओ पन्नीरसेल्वम और शशिकला के समर्थन में पार्टी कार्यकर्ता अलग-अलग जुटने लगे हैं. आज बारी-बारी से पन्नीरसेल्वम व शशिकला ने प्रेस कान्फ्रेंस कर एक-दूसरे पर हमला बोला. शशिकला ने आज दिन में पार्टी मुख्यालय में विधायकों के साथ बैठक के बाद जहां पन्नीरसेल्वम को विश्वासघाती व बागी बताते हुए सजा देने का एलान किया, वहीं इस एलान के कुछ घंटे बाद आइटी विंग के आर रामाचंद्रन को पद से हटा दिया. रामचंद्रन ने कहा, मैंने पन्नीरसेल्वम का समर्थन किया था, इसलिए मुझे पद से हटा दिया गया. अम्मा ने मुझे काम दिया था और शशिकला ने हटा दिया. शशिकला ने उनकी जगह वीवीआर राज सत्यन को आइटी विभाग का सचिव नियुक्त किया.

इस खींचतान के बीच पन्नीरसेल्वम और शशिकला के समर्थक भी खुलकर सामाने आ रहे हैं. पन्नीरसेल्वम के समर्थन में उनके चेन्नई स्थित घर के बाहर समर्थकों का जमावड़ा शुरू हो गया है. वहीं शशिकला के समर्थक भी अम्मा टीशर्ट पहनकर जुटने लगे हैं. समर्थकों के इस जमावड़े से साफ है कि दोनों ही पक्ष अपनी ताकत दिखाने में लगे हैं. सूत्रों की मानें तो एआईएडीएमके के ज्यादातर समर्थक शशिकला के साथ हैं.

ध्यान रहे कि पन्नीरसेल्वम  ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है. राज्यपाल ने इस्तीफा मंजूर कर लिया, लेकिन कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें कामकाज देखने का निर्देश दिया. शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने की कवायद तेज है.  तमिलनाडु में फिलहाल राजनीतिक उठापटक जारी है ऐसे में राज्यपाल ने भी चेन्नई से दूरी बना रखी है. महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव जो तमिलनाडु का भी प्रभार संभालते हैं, उन्होंने मुंबई मे अपने प्रवास का समय बढ़ा लिया है. राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार अबतक यह तय नहीं है कि राज्यपाल कब चेन्नई जायेंगे. हालांकि वे निरंतर केंद्र के संपर्क में हैं.

गौरतलब है कि इस्तीफ के बाद ओ पन्नीरसेल्वम ने  कहा था, मुझे  मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया ताकि अन्नाद्रमुक की महासचिव वीके शशिकला के मुख्यमंत्री बनाया जा सके. उन्होंने अपने अपमान की भी चर्चा की जयललिता के पांच दिसंबर को हुए निधन के बाद पन्नीरसेल्वम ही मुख्यमंत्री पद संभाल रहे थे. 
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