8 से 10 करोड़ रुपये तेंदू पत्ते से तीन महीने में कमाते हैं नक्सली, खरीदते हैं विदेशी हथियार - Sealing Tandu leave is benificial business of nexel


नई दिल्ली: सुकमा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए नक्सली हमले के बीच सीआरपीएफ को लेकर नई बात सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि फिलहाल सीआरपीएफ का कोई पूर्ण कालिक डीजी नहीं है. 28 फरवरी को पूर्व डीजी दुर्गा प्रसाद रिटायर हुए हैं तब से डीजी का चार्ज सुदीप लखटकिया के पास है. ये हाल तब है जब कश्मीर में भी भारी तनाव है.

घटना के बाद रायपुर पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह से जब पत्रकार वार्ता में यह सवाल पूछा गया तो वे बचते नजर आए. उन्होंने कहाकि उनके पास कई अच्छे ऑफिसर हैं जो ठीक काम कर रहे हैं.


सूत्रों के मुताबिक ये सीजन तेंदू पत्ते का समय चल रहा है और यहां से नक्सली काफी पैसा कमाते हैं. वे इस पैसे का इस्तेमाल हथियार खरीदने में करते हैं. तीन महीने में नक्सली करीब 8 से 10 करोड़ रुपये तेंदू पत्ते से कमाते हैं. सूत्रों के मुताबिक नक्सली लेवी के जरिये पैसा उगाही करके एक साल में करीब 100 करोड़ रुपये कमाते हैं. उसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर विदेशी हथियार खरीदने में करते हैं.


देखा जाता है कि नक्सल हमला ज्यादातर अप्रैल से जून-जुलाई के बीच में होते हैं. इस दौरान नक्सली टैक्टिकल काउंटर और अफेंसिव कैम्पेन चलाते हैं और ज्यादा जवानों पर हमला करते हैं. इस बार हमले में 300 से 400 नक्सली का इस्तेमाल नक्सली कमांडर हिडिमा ने किया. जिसमें 150 के आस-पास फाइटर नक्सली शामिल थे. महिला नक्सलियों का भी इस्तेमाल किया गया.


जानकारी के मुताबिक नक्सली दुर्गपाल से चिंतागुफा के बीच बनने वाला एक ब्रिज नहीं बनने देना चाहते हैं क्योंकि इसके बनने से नक्सली गढ़ तक CRPF पहुंच जाएगी. चिंतागुफा का यह ऐसा इलाका है जहां पर रिपोर्ट ये है कि नक्सली महिलाओं को ही AK47 चलाना सिखाते हैं. सूत्र बताते हैं कि इलाके के नक्सलियों के पास उतने हथियार हो सकते हैं. जितने यहां मौजूद CRPF के जवानों के पास.



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