नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के बदलाव में नए चेहरे हो सकते शामिल - Narendra modi cabinet reshuffle soon some new faces

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में बदलाव के आसार बताए जा रहे हैं. पार्टी के संगठन में कई पद खाली हो गए हैं और मंत्रिमंडल में भी 2019 को ध्यान में रखकर बदलाव किए जाने की बात कही जा रही है. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के गोवा के सीएम बनने के बाद इस पद अतिरिक्त कार्यभार वित्तमंत्री अरुण जेटली संभाल रहे हैं. वैसे भी रक्षामंत्री के तौर पर्रिकर कई बार कह चुके थे कि उनका मन दिल्ली से ज्यादा गोवा में लगता है और वह वहां पर ज्यादा मुफीद महसूस करते रहे हैं. चुनाव में बहुमत से दूर होने के बाद पर्रिकर गोवा में सरकार बनाने में कामयाब हुए. रक्षा मंत्री के लिए किसी का नाम अभी सामने नहीं आया.

बीजेपी के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि संसद का सत्र खत्म होते ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. 12 अप्रैल को संसद का यह सत्र समाप्त हो रहा है. कहा यह भी जा रहा है कि बीजेपी के संगठन में भी काफी बदलाव होने जा रहा है. राज्यपालों के कई पद खाली हैं. इसके अलावा कई संवैधानिक संस्थाओं में भी  पद खाली है. जैसे मानवाधिकार आयोग आदि.

इस संभावित (क्योंकि अभी तक अटकलें ही हैं) फेरबदल में केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र की छुट्टी हो सकती है क्योंकि वह 75 पार कर गए. नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि 75 पार के कोई मंत्री मंत्रिमंडल में नहीं रहेंगे. लेकिन कलराज मिश्र को यूपी चुनाव तक के लिए मंत्रिमंडल में बरकरार रखने की बात कही गई थी. अब माना जा रहा है कि कलराज मिश्र को मंत्रीपद छोड़ना पड़ सकता है.

अटकलें यह भी हैं कि केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का प्रमोशन हो सकता है. उन्हें राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है. इसके पीछे यह कारण कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के चुनावों में मिली भारी जीत के बाद मनोज सिन्हा राज्य के मुख्यमंत्री पद के दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे थे. लेकिन अंत में पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को सीएम और दो डिप्टी सीएम बनाकर सत्ता की शुरुआत की.

खबरें यह भी हैं कि उत्तराखंड में भाजपा को मिली भारी जीत के बाद इस राज्य से किसी नेता को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. उत्तराखंड ने रमेश पोखरियाल निशंक, भगत सिंह कोशियारी दौड़ में है. वहीं, मध्य प्रदेश, कर्नाटक,  छ्त्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले आगामी विधान सभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भी कुछ चेहरे मोदी कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं.

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी के तीन सत्ता में पूरे होने वाले हैं. पीएम मोदी ने सभी मंत्रालयों के कामकाज की रिपोर्ट हर साल की तरह फिर ली है. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साल जुलाई में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के भी चुनाव होने हैं. इनसे पहले ही होने वाला यह मंत्रिंमडल विस्तार कई बातें साफ कर देगा. शिवसेना के कोटे से एक केंद्रीय मंत्रीपद खाली है. यह एक सहयोगी दल है और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले बीजेपी नाराजृ शिवसेना को मनाने के लिए एक मंत्रीपद उन्हें दे सकती है. गौरतलब है कि पिछले बार हुए मंत्रीमंडल फेरबदल में में किसी सहयोगी दल को जगह नहीं दी गई है. रामदास अठावले को केवल बाहर की पार्टी से लिया गया था.
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