नई दिल्लीः पिछले कुछ समय से लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं से आहत रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. प्रभु ने रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की. सुरेश प्रभु ने कहा है कि लगातार हो रहे रेल हादसों से वह काफी दुखी है. उन्होंने यह भी कहा कि इन हादसों में कई लोगों की जान गई है, जिससे मुझे गहरा दुख पहुंचा है. गौरतलब है कि इस वर्ष कई रेल दुर्घटनाएंं हुई है जिनमें कई लोगों की मौत हुई. दो रेल दुर्घटनाएं तो पिछले पांच दिनों के भीतर ही हो गई.
रेल मंत्री प्रभु ने कहा है कि उन्होंने अपनी तरफ से रेलवे को बेहतर बनाने के लिए काफी मेहनत की है. सुरेश प्रभु ने कहा कि नए भारत को बेहतर रेलवे की जरूरत है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल मंत्री के इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए उन्हें इंतजार करने के लिए कहा है.
आपको बता दें कि पिछले एक सप्ताह में यूपी में दो रेल हादसे हो चुके हैं. बुधवार (23 अगस्त) को कैफियत एक्सप्रेस के डिब्बे औरय्या के पास पटरी से उतर गए. इससे पहले भी उत्तर प्रदेश कई रेल हादसों का गवाह बन चुका है.
उत्कल एक्सप्रेस हादसा: शनिवार (19 अगस्त) को पुरी से हरिद्वार जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस दुर्घटना में 24 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
कालिंदी एक्सप्रेस हादसा: 20 फरवरी को फिरोजाबाद के टूंडला में रेलवे स्टेशन पर 14723 कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर मालगाड़ी से हो गई थी. यह घटना रविवार देर रात 1 बजकर 40 मिनट पर हुई. हालांकि, इस दुर्घटना में किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था.
महाकौशल एक्सप्रेस: उत्तर प्रदेश के महोबा में 30 मार्च, 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. रात करीब 2 बजे महोबा और कुलपहाड़ स्टेशन के बीच यह हादसा हुआ था.
मेरठ-लखनऊ एक्सप्रेस हादसा: 15 अप्रैल 2017 को उत्तर प्रदेश में रामपुर के पास मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस घटना में करीब 10 लोग जख्मी हुए थे. यह दुर्घटना मुण्डा पांडे और रामपुर रेलवे स्टेशन के बीच हुई थी. हादसे में घायल यात्रियों के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 50,000-50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी.
सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस हादसा: 28 दिसबंर 2016 की सुबह कानपुर के पास रूरा रेलवे स्टेशन के नजदीक सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इसमें सौ से ज्यादा यात्री घायल हुए थे.
इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसा: 20 नवंबर 2016 को कानपुर देहात के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में करीब 150 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे के पीछे पाकिस्तान की खूफिया एजंसी आईएसआई की साजिश को वजह बताया गया था, जिसकी जांच अभी भी चल रही है.
जनता एक्सप्रेस हादसा: 20 मार्च 2015 को रायबरेली के बछरांवा के पास जनता एक्सप्रेस 14266 के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे, इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 से अधिक लोग जख्मी हो गए थे.
गोरखधाम एक्सप्रेस हादसा: 26 मई 2014 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मार दी थी इस हादसे में तकरीबन दो दर्जन लोग मारे गए थे. यह हादसा उसी दिन हुआ था जिस दिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
रेल मंत्री प्रभु ने कहा है कि उन्होंने अपनी तरफ से रेलवे को बेहतर बनाने के लिए काफी मेहनत की है. सुरेश प्रभु ने कहा कि नए भारत को बेहतर रेलवे की जरूरत है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल मंत्री के इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए उन्हें इंतजार करने के लिए कहा है.
आपको बता दें कि पिछले एक सप्ताह में यूपी में दो रेल हादसे हो चुके हैं. बुधवार (23 अगस्त) को कैफियत एक्सप्रेस के डिब्बे औरय्या के पास पटरी से उतर गए. इससे पहले भी उत्तर प्रदेश कई रेल हादसों का गवाह बन चुका है.
उत्कल एक्सप्रेस हादसा: शनिवार (19 अगस्त) को पुरी से हरिद्वार जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस दुर्घटना में 24 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
कालिंदी एक्सप्रेस हादसा: 20 फरवरी को फिरोजाबाद के टूंडला में रेलवे स्टेशन पर 14723 कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर मालगाड़ी से हो गई थी. यह घटना रविवार देर रात 1 बजकर 40 मिनट पर हुई. हालांकि, इस दुर्घटना में किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था.
महाकौशल एक्सप्रेस: उत्तर प्रदेश के महोबा में 30 मार्च, 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. रात करीब 2 बजे महोबा और कुलपहाड़ स्टेशन के बीच यह हादसा हुआ था.
मेरठ-लखनऊ एक्सप्रेस हादसा: 15 अप्रैल 2017 को उत्तर प्रदेश में रामपुर के पास मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस घटना में करीब 10 लोग जख्मी हुए थे. यह दुर्घटना मुण्डा पांडे और रामपुर रेलवे स्टेशन के बीच हुई थी. हादसे में घायल यात्रियों के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 50,000-50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी.
सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस हादसा: 28 दिसबंर 2016 की सुबह कानपुर के पास रूरा रेलवे स्टेशन के नजदीक सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इसमें सौ से ज्यादा यात्री घायल हुए थे.
इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसा: 20 नवंबर 2016 को कानपुर देहात के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में करीब 150 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे के पीछे पाकिस्तान की खूफिया एजंसी आईएसआई की साजिश को वजह बताया गया था, जिसकी जांच अभी भी चल रही है.
जनता एक्सप्रेस हादसा: 20 मार्च 2015 को रायबरेली के बछरांवा के पास जनता एक्सप्रेस 14266 के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे, इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 से अधिक लोग जख्मी हो गए थे.
गोरखधाम एक्सप्रेस हादसा: 26 मई 2014 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मार दी थी इस हादसे में तकरीबन दो दर्जन लोग मारे गए थे. यह हादसा उसी दिन हुआ था जिस दिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
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