50 अरब डॉलर की लागत वाली सीपीईसी परियोजना पर अमेरिका की चिंता निराधार है: अहसान इकबाल - dont look at cpec from indian perspective pakistan urges us

वाशिंगटन:  पाकिस्तान के गृह मंत्री अहसान इकबाल ने अमेरिका से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को भारत के नजरिए से नहीं, बल्कि इसे दक्षिण एशिया में शांति व स्थिरता लाने की आर्थिक योजना के तौर पर देखने का आग्रह किया है. इकबाल ने बुधवार को अमेरिका से पाकिस्तान को दूसरे देश के साथ जोड़कर देखने के बदले उसकी अपनी प्रतिभा के साथ देखने का आग्रह किया.

उन्होंने वाशिंगटन में जोंस होपकिंस स्कूल ऑफ एडवांस इंटरनेशनल स्टडीज में अपने संबोधन में कहा, "चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा किसी के विरुद्ध षड्यंत्र नहीं है. यह सुरक्षा योजना नहीं है. यह आर्थिक समृद्धि की योजना है, जिससे ऊर्जा, आधारभूत संरचना और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा."


इकबाल ने कहा कि 50 अरब डॉलर की लागत वाली सीपीईसी परियोजना पर अमेरिका की चिंता निराधार है. उन्होंने कहा कि इससे सभी को फायदा होगा और यह दक्षिण एवं मध्य एशिया, मध्य-पूर्व व अफ्रिकी देशों को एकसाथ लाने के लिए मंच प्रदान करेगा.

इकबाल ने कहा, "इसलिए मुझे लगता है कि अमेरिका को सीपीईसी को भारतीय परिदृश्य से नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि स्थापित करने के नजरिये से देखना चाहिए." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक स्वतंत्र देश है. हमारी अपनी पहचान है और चाहते हैं कि दूसरे देश भी इसका सम्मान करे.

इकबाल ने कहा, "अगर अमेरिका इस क्षेत्र को भारत के नजरिये से देखेगा तो यह क्षेत्र और अमेरिका के लिए नुकसानदायक होगा. यह बहुत जरूरी है कि अमेरिका इस स्थिति को स्वतंत्र नजरिये से देखे न कि किसी और तरीके से."

ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह सीपीईसी पर भारत के रुख का समर्थन करते हुए कहा था कि यह एक विविदास्पद भूभाग से होकर गुजरता है और किसी भी देश को बेल्ट व रोड पहल में दबाव की स्थिति पैदान नहीं करनी चाहिए. भारत ने इस वर्ष मई में हुए बेल्ट एवं रोड फोरम (बीआरएफ) सम्मेलन में इस परियोजना के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने की वजह से भाग नहीं लिया था.
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