नई दिल्ली : दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान में भारत और न्यूजीलैंड की टीमें पहले टी-20 मैच में बुधवार, 1 नवंबर को आमने-सामने होंगी. मैच में परिणाम पर तो सभी की नजर होंगी हीं, लेकिन यहां एक और चीज है, जिसके बारे में लोग अभी से चर्चा कर रहे हैं. जी हां दिल्ली में होने वाले मैच की किस्मत लाइट तय करेगी. दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण ने 17 अक्टूबर से 14 मार्च 2018 तक जेनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. ऐसे में मैदान में मैच के दौरान अगर लाइट चली जाती है तो ऐसे में फ्लड लाइट कैसे जलेंगी, ये अब तक सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है.
बीसीसीआई ने इस मामले में जेनरेटर इस्तेमाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन वहां से उसे निराशा हाथ लगी. कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी.
इससे पहले डीडीसीए को ईपीसीए की तरफ से एक पत्र भेजा गया, जिसमें मैच के दौरान डीजल से चलने वाले जनरेटर का उपयोग ना करने की बात कही गई थी. इसके पीछे की वजह बताई गई कि दिल्ली की हवा खराब है. दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते लेवल को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार जल्द ही ऑड ईवन फॉर्मूले को फिर से लागू करने पर विचार कर रही है.
ऐसे में अगर मैच के दौरान लाइट चली जाती है तो क्या होगा. इस बारे में जब डीडीसीए से बात की गई तो डीडीसीए सूत्रों का कहना है कि हम बीएसईएस से लोड को डबल करने के लिए कह रहे हैं. पावर सप्लाई के लिए और लाइटिंग के लिए हमें 3000-3500 KVA की जरूरत है.’ हालांकि ईपीसीए चीफ ने डीडीसीए को भरोसा दिया है कि उन्हें टेंपरेरी पावर कनेक्शन दिया जाएगा. वैसे इस मामले में जिला क्रिकेट प्रशासन अब DISCOMS के भरोसे है कि वह बिना रुकावट के मैच के दौरान बिजली उपलब्ध कराए.
वैसे आपको बता दें कि इंटरनेशनल मैच दौरान पावर सप्लाई के लिए डीडीसीए 125 KVA वाले पांच डीजल जनरेटर का उपयोग करता है.
बीसीसीआई ने इस मामले में जेनरेटर इस्तेमाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन वहां से उसे निराशा हाथ लगी. कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी.
इससे पहले डीडीसीए को ईपीसीए की तरफ से एक पत्र भेजा गया, जिसमें मैच के दौरान डीजल से चलने वाले जनरेटर का उपयोग ना करने की बात कही गई थी. इसके पीछे की वजह बताई गई कि दिल्ली की हवा खराब है. दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते लेवल को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार जल्द ही ऑड ईवन फॉर्मूले को फिर से लागू करने पर विचार कर रही है.
ऐसे में अगर मैच के दौरान लाइट चली जाती है तो क्या होगा. इस बारे में जब डीडीसीए से बात की गई तो डीडीसीए सूत्रों का कहना है कि हम बीएसईएस से लोड को डबल करने के लिए कह रहे हैं. पावर सप्लाई के लिए और लाइटिंग के लिए हमें 3000-3500 KVA की जरूरत है.’ हालांकि ईपीसीए चीफ ने डीडीसीए को भरोसा दिया है कि उन्हें टेंपरेरी पावर कनेक्शन दिया जाएगा. वैसे इस मामले में जिला क्रिकेट प्रशासन अब DISCOMS के भरोसे है कि वह बिना रुकावट के मैच के दौरान बिजली उपलब्ध कराए.
वैसे आपको बता दें कि इंटरनेशनल मैच दौरान पावर सप्लाई के लिए डीडीसीए 125 KVA वाले पांच डीजल जनरेटर का उपयोग करता है.
0 comments:
Post a Comment