कारों से भी ज्‍यादा प्रदूषण करते हैं दोपहिया वाहन: एनजीटी - ngt slams review petition on odd even of delhi government

नई दिल्‍ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल ने ऑड-ईवन लागू करने से संबंधित दिल्‍ली सरकार की पुनर्विचार याचिका पर फटकार लगाते हुए कहा कि आपने किस आधार पर दोपहिया वाहनों को छूट देने की बात कही है. इससे पहले ऑड-ईवन लागू करते वक्‍त दिल्‍ली सरकार ने दोपहिया वाहनों को इससे छूट दी थी. कई अध्‍ययनों की मिसाल देते हुए एनजीटी ने कहा कि दोपहिया वाहन कारों से भी ज्‍यादा प्रदूषण करते हैं. कई अध्‍ययनों की मिसाल देते हुए एनजीटी ने कहा कि दोपहिया वाहन कारों से भी ज्‍यादा प्रदूषण करते हैं. ऐसे में क्‍या यह याचिका एक मजाक है?

महिलाओं को सुरक्षा कारणों से ऑड-ईवन से छूट देने के दिल्‍ली सरकार के फैसले पर एनजीटी ने कहा कि यदि आपको सुरक्षा की चिंता है तो स्‍पेशल लेडीज बसें चलाई जानी चाहिए. इसके साथ ही राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने सम-विषम योजना से महिलाओं और दो पहिया वाहन चालकों को छूट देने से इनकार किया. इसके साथ ही एनजीटी के अपने आदेश में संशोधन से इनकार किये जाने के बाद दिल्‍ली सरकार ने अपनी याचिका वापस ले ली.


अधिकरण ने दिल्ली सरकार को मंगलवार को अधिक प्रदूषित इलाकों की पहचान करने और वहां पानी का छिड़काव करने का आदेश दिया. अधिकरण ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों को भी सड़कों से हटाने का आदेश दिया. एनजीटी ने प्रदूषण रहित उद्योगों और जरूरी वस्तुएं बनाने वाली इकाइयों को दिल्ली-एनसीआर में संचालन की इजाजत दी.



इससे पहले सोमवार को दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का दरवाजा खटखटाकर 11 नवंबर के ऑड-ईवन के आदेश में संशोधन करने की मांग की थी. एनजीटी ने 11 नवंबर के अपने आदेश में सम-विषम योजना से महिलाओं और दो पहिया वाहनों को छूट देने से इनकार कर दिया था. हरित पैनल ने आदेश दिया था, ''किसी भी व्यक्ति या अधिकारी और दो पहिया वाहनों'' को छूट नहीं दी जानी चाहिए. इसने कहा था कि 48 घंटे की अवधि में जैसे ही पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 10 स्तर 500 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर और पीएम 2.5 का स्तर 300 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा हो जाता है तो ऑड-ईवन योजना को 'बिना किसी चूक' के लागू किया जाना चाहिए.

सरकार ने शनिवार को ऑड-ईवन वाहन योजना लागू करने की योजना को रद्द कर दिया था जो सोमवार को शुरू होने वाला था. एनजीटी ने कहा था कि महिलाओं, दो पहिया वाहनों और दिल्ली के नौकरशाहों को इससे छूट नहीं मिलेगी जिसके बाद इसे खत्म किया गया था.



राष्ट्रीय राजधानी में करीब एक हफ्ते से जहरीली धुंध छायी हुई है जिसके बाद अधिकारी आपातकालीन उपाय लागू करने को बाध्य हुए जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण कार्य और ईंट-भट्ठे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आप सरकार पर्यावरण वैज्ञानिकों के भी संपर्क में है और लगातार प्रदूषण स्तर की निगरानी कर रही है.
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