हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति की विधायक के एक बयान पर विवाद पैदा हो गया है. तेलंगाना में टीआरएस और बीजेपी की गठबंधन सरकार है. बावजूद इसके मुख्य सत्ताधारी दल की विधायक ने खुलेआम बीजेपी का विरोध किया है. इतना ही नहीं विधायक ने जनता को भी इस राजनीति में घसीट लिया है.
विधायक कोवा लक्ष्मी ने एक कार्यक्रम के दौरान अपनी विधानसभा के लोगों को फरमान जारी किया है कि अगर उनके हाथ में बीजेपी का झंडा भी नजर आया तो उन्हें सरकारी आवास नहीं दिया जाएगा.
दरअसल, सैदाबाद सीट से विधायक कोवा लक्ष्मी अपने क्षेत्र में आवासीय योजना के तहत मकानों का शिलान्यास करने पहुंची थीं. योजना के तहत गरीबों को 2BHK का फ्लैट दिया जाता है. इस दौरान कोवा लक्ष्मी ने वहां मौजूद लोगों को बीजेपी से दूर रहने की नसीहत दे डाली. उन्होंने सरेआम कह दिया कि जो बीजेपी का समर्थन करेगा, उसे मकान नहीं मिलेगा.
कोवा लक्ष्मी ने लोगों से कहा, 'अगर आप तेलंगाना राष्ट्र समिति के समर्थक नहीं हैं, तो आप सरकार से मिलने वाली मदद खो बैठेंगे.'
कोवा लक्ष्मी के इस बयान पर बीजेपी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ता कृष्णा सागर ने कहा कि टीआरएस और उसके नेता तानाशाहों की तरह बर्ताव कर रहे हैं. उन्होंने आवासीय योजना के तहत मिलने वाले घरों में भी गलत तरीके अपनाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि ये सीएम चंद्रशेकर राव की कोई प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं है, बल्कि राज्य की एक कल्याणकारी योजना है. ऐसे में सत्ताधारी पार्टी योजनाओं को राजनीतिक समर्थन के आधार पर लाभ नहीं पहुंचा सकती.
विधायक कोवा लक्ष्मी ने एक कार्यक्रम के दौरान अपनी विधानसभा के लोगों को फरमान जारी किया है कि अगर उनके हाथ में बीजेपी का झंडा भी नजर आया तो उन्हें सरकारी आवास नहीं दिया जाएगा.
दरअसल, सैदाबाद सीट से विधायक कोवा लक्ष्मी अपने क्षेत्र में आवासीय योजना के तहत मकानों का शिलान्यास करने पहुंची थीं. योजना के तहत गरीबों को 2BHK का फ्लैट दिया जाता है. इस दौरान कोवा लक्ष्मी ने वहां मौजूद लोगों को बीजेपी से दूर रहने की नसीहत दे डाली. उन्होंने सरेआम कह दिया कि जो बीजेपी का समर्थन करेगा, उसे मकान नहीं मिलेगा.
कोवा लक्ष्मी ने लोगों से कहा, 'अगर आप तेलंगाना राष्ट्र समिति के समर्थक नहीं हैं, तो आप सरकार से मिलने वाली मदद खो बैठेंगे.'
कोवा लक्ष्मी के इस बयान पर बीजेपी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ता कृष्णा सागर ने कहा कि टीआरएस और उसके नेता तानाशाहों की तरह बर्ताव कर रहे हैं. उन्होंने आवासीय योजना के तहत मिलने वाले घरों में भी गलत तरीके अपनाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि ये सीएम चंद्रशेकर राव की कोई प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं है, बल्कि राज्य की एक कल्याणकारी योजना है. ऐसे में सत्ताधारी पार्टी योजनाओं को राजनीतिक समर्थन के आधार पर लाभ नहीं पहुंचा सकती.
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