चारा घोटाले में दोषी करार लालू प्रसाद यादव की सजा पर आज फैसला आएगा - fodder scam case special court to pronounce quantum of sentence for lalu prasad yadav today

रांची : चारा घोटाले के एक मामले में दोषी करार दिए गए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सजा पर आज फैसला आएगा. 23 दिसंबर को देवघर कोषागार से अवैध तरीके से पैसे निकालने के मामले में उन्हें दोषी क़रार दिया गया था. रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने इसी मामले में बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के अलावा बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद और पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, हार्दिक चंद्र चौधरी, सरस्वती चंद्र और साधना सिंह को बरी कर दिया था.



सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू सहित 16 लोगों को अदालत ने दोषी पाया था. इस मामले में दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को हिरासत में लेकर बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया था.

अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख़, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में फैसला सुनाया है. अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) एवं 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था.



इस मामले में कुल 38 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गये जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गयी थी. इसके बाद 22 आरोपी बच गए थे, जिनको लेकर यह फैसला सुनाया गया.



इस मामले में तीन आईएएस अधिकारियों फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद को भी आरोपी बनाया गया था. फैसला आते ही आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा था कि अवैध निकासी पर जिसने एफआईआर किया है उसी को जेल भेज दिया गया. इसके पीछे पूरी तरह से बीजेपी की साजिश है. हमें पूरी न्यायपालिका पर भरोसा है. इस देश को सिर्फ दो लोग चला रहे हैं.


इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में इन सभी को सजा हो चुकी है. करीब 21 साल तक चले इस मामले में इससे पहले कई पूर्व अधिकारियों  को सजा सुनाई जा चुकी है. चारा घोटाला एक ऐसा मामला था जिसकी वजह से लालू के राजनीतिक करियर में ग्रहण लग गया है. हालांकि इस मामले में वह करीब 21 सालों तक कानूनी प्रक्रियाओं का सामना करते रहे और कई बार उनको हिरासत में लिया गया.
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