इसलिए जया बच्चन को राज्यसभा का टिकट दिया समाजवादी पार्टी ने - akhilesh yadav selects jaya bachchan for rajya sabha

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा की इकलौती सीट के लिए अपने कैंडिडेट की घोषणा कर दी है. समाजवादी पार्टी की ओर से जया बच्चन को राज्यसभा का टिकट मिल गया है, मगर वहीं नरेश अग्रवाल का पत्ता कट गया है. मगर राजनीतिक गलियारों में काफी समय से यह अटकलें लगाईं जा रही थीं कि अगर सपा जया बच्चन को टिकट नहीं देती, तो इस बार पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस टिकट दे सकती थी. मगर इस ऐलान के साथ ही इस पर विराम लग गया है.

69 साल की जया बच्चन 2004 से ही समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रही हैं. यानी यह अब उनका चौथा टर्म होगा. समाजवादी पार्टी के खाते में इस बार एक ही सीट थी, जिसकी वजह से उसे जया बच्चन और नरेश अग्रवाल में से किसी एक को ही चुनना था. यही वजह है कि पार्टी ने 2010 से राज्यसभा के सदस्य रहे नरेश अग्रवाल की जगह जया बच्चन को ही टिकट देना फायदे का सौदा समझा.




बता दें कि राज्यसभा के 16 सदस्यों का कार्यकाल इस साल अप्रैल और मई में समाप्त हो रहा है और उनमें से जया बच्चन और नरेश अग्रवाल भी शामिल हैं. पिछले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत की वजह से इस बार समाजवादी पार्टी के खाते में राज्यसभा का एक ही टिकट गया है. मगर इससे पहले रिपोर्ट आई थी कि टीएमसी राज्यसभा के लिए जया बच्चन के नाम पर विचार कर रही है. क्योंकि टीएमसी के पास चार सीटें हैं. टीएमसी द्वारा जया बच्चन के नाम के पीछे ऐसी संभावनाएं जताई जा रहीं थी कि जया बच्चन के पति अमिताभ बच्चना का बंगाल से काफी गहरा कनेक्शन रहा है और ममता बनर्जी से भी उनकी अच्छी बनती है. इस वजह से इन अटकलों का बाजार गर्म था.

ऐसी खबरें आ रही थीं कि समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल से खुश नहीं हैं. साथ ही मुलायम सिंह के भाई शिवपाल यादव भी उन पर बीजेपी से संबंध रखने का आरोप लगाते रहे हैं. बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम और चाचा शिवपाल को खुश करने के लिए और दरार को खत्म करने के लिए ही जया बच्चन का नाम आगे किया है.

माना जाता है कि जया बच्चन अखिलेश सिंह के पिता मुलायाम सिंह यादव से काफी क्लोज रही हैं और जया बच्चन का नॉमिनेशन पिता और पूत्र के बीच की कड़वाहट को कम करने का काम करेगी. इधर राज्यसभा सांसद अमर सिंह का भी कहना है कि जया बच्चन शुरु से ही समाजवाद पार्टी के प्रति काफी निष्ठावान रही हैं. उन्होंने साबित किया है कि वह नरेश अग्रवाल से बेहतर राजनीतिज्ञ हैं.



मगर नरेश अग्रवाल के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है. नरेश अग्रवाल काफी मझे हुए राजनीतिज्ञ माने जाते हैं. सपा ज्वाइन करने से पहले नरेश अग्रवाल कांग्रेस और मायावती की पार्टी बसपा का भी झंडा थाम चुके हैं. एक समय में उन्होंने अपनी पार्टी भी बना ली थी, जिसका नाम था लोकतांत्रिक कांग्रेस. वह बीजेपी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं, जब प्रदेश में राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे. ऐसी अकटलें लगाई जा रही है कि नरेश अग्रवाल आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट से मैदान में उतर सकते हैं. बता दें कि राज्यसभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होंगे.
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