नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच के आपसी रिश्ते में सुधार को लेकर चीन के विदेश मंत्री ने वांग यि ने एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमें मतभेदों को दूर करते हुए आपसी संबंधों को और बेहतर करने की जरूरत है. अगर दोनों देश के बीच आपसी रिश्ते अच्छे हुए तो इसका फायदा दोनों को ही होगा. यी ने यह बात वार्षिक संवाददाता सम्मेलन मे कही. इस दौरान जब उनसे डोकलाम गतिरोध को लेकर उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुछ परीक्षाओं और मुश्किलों के बावजूद भारत और चीन के बीच आपसी संबंध बेहतर हो रहे हैं.
गौरतलब है कि दोनों देशों के संबंध में पिछले साल चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉडिडोर, चीन द्वारा जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के फैसला का विरोध साथ ही भारत के न्यूक्लियर सप्लायर ग्रूप में शामिल करने का विरोध करने जैसे मुद्दों की वजह से कुछ खटास जरूर बढ़ी थी. विदेश मंत्री ने सम्मेलन में कहा कि चीन अपने अधिकार और वैध हितों को बरकरार रखते हुए भारत के साथ संबंधों के संरक्षण पर ध्यान दे रहा है.
चीन और भारत के नेताओं ने हमारे संबंधों के भविष्य के लिए रणनीतिक दूरदृष्टि तैयार की है. यी ने कहा कि चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं चाहिए, बल्कि साथ में कदमताल मिलाना चाहिए. इसका फायदा दोनों देश को ही होगा. उन्होंने कहा की अगर भारत और चीन अगर एक जुट हो जाएं तो वह मिलकर एक और एक दो की जगह, एक और एक ग्यारह हो सकते हैं.
गौरतलब है कि दोनों देशों के संबंध में पिछले साल चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉडिडोर, चीन द्वारा जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के फैसला का विरोध साथ ही भारत के न्यूक्लियर सप्लायर ग्रूप में शामिल करने का विरोध करने जैसे मुद्दों की वजह से कुछ खटास जरूर बढ़ी थी. विदेश मंत्री ने सम्मेलन में कहा कि चीन अपने अधिकार और वैध हितों को बरकरार रखते हुए भारत के साथ संबंधों के संरक्षण पर ध्यान दे रहा है.
चीन और भारत के नेताओं ने हमारे संबंधों के भविष्य के लिए रणनीतिक दूरदृष्टि तैयार की है. यी ने कहा कि चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं चाहिए, बल्कि साथ में कदमताल मिलाना चाहिए. इसका फायदा दोनों देश को ही होगा. उन्होंने कहा की अगर भारत और चीन अगर एक जुट हो जाएं तो वह मिलकर एक और एक दो की जगह, एक और एक ग्यारह हो सकते हैं.
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