सरकारी उपलब्धियों से गायब है एंटी रोमियो स्क्वॉड का नामोनिशान - yogi adityanath one year cm up government bjp achievement anti romeo squad promises

नई दिल्ली:'एंटी रोमियो स्क्वॉड' जी हां यह वह नाम था जिसके आगे-पीछे 2017 विधानसभा चुनाव के ताने-बाने बुने गए . 2017 के चुनाव में मिली भारी जीत के बाद इस 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' को योगी सरकार ने अपना सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड भी बनाया. लेकिन एक साल होते-होते एंटी रोमियो स्क्वॉड का नामोनिशान सरकारी उपलब्धियों से गायब है. योगी सरकार की उपलब्धियों की फेहरिस्त में एंटी रोमियो स्क्वॉड के काम और आंकड़ों को जगह नहीं मिली जबकि इसकी जगह एनकाउंटर स्क्वॉड के आंकड़ों ने ले ली है.


बता दें कि योगी के सत्ता संभालते ही सूबे में बीजेपी ने एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाने के वादे पर अमल किया था. बीजेपी ने संकल्प पत्र में महिलाओं के साथ छेड़खानी रोकने के लिए एंटी रोमियो दस्ता बनाने की बात कही थी. पुलिस ने मनचलों को पकड़ने और लड़कियों के साथ छेड़खानी को रोकने के लिए पार्क, भीड़-भाड़ वाली जगह और स्कूल-कॉलेज के बाहर ये अभियान चलाया था.

योगी सरकार के सियासी सफर का आज एक साल पूरा हो गया है. सरकार ने अपनी उपलब्धियों के आंकड़े पेश किए हैं. लेकिन एंटी रोमियो स्क्वॉड की कहीं कोई चर्चा नहीं है. एक साल बाद अब सरकार का दावा है कि एंटी रोमियो स्क्वॉड के लिए केंद्रीयकृत योजना यानी सेंट्रलाइज एप्लीकेशन लगाया जाएगा.



गौरतलब है कि मार्च 2017 को जब सरकार बनी तब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वॉड को सबसे ज्यादा मजबूत करने और सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं के साथ होने वाले छेड़छाड़ को रोकने के लिए इसके गठन को हरी झंडी दी. एक साल होते होते एंटी रोमियो स्क्वॉड के आंकड़े कम होते गए जबकि एनकाउंटर के आंकड़ों ने सरकार की उपलब्धियों में जगह ले ली है.



पिछले साल सरकार ने हर थाने में एक सब इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाने का ऐलान किया था, शुरू में चौक-चौराहों और लड़कियों के स्कूल कॉलेज के बाहर सादी वर्दी में यह स्क्वॉड तैनात भी दिखता था लेकिन लेकिन दिन-हफ्ते और महीने बीतने के साथ-साथ एंटी रोमियो स्क्वॉड भी अपनी मारक क्षमता खोता गया. वजह पुलिस बल की भारी कमी रही.

इस एंटी रोमियो स्क्वॉड के तहत हर थाने में एक सब इंस्पेक्टर के तहत 4 कांस्टेबलों के साथ एक टीम बनाई गई है जो हर थाना क्षेत्र के लड़कियों के स्कूल कॉलेज के बाहर सादी वर्दी में नजरें बनाकर रखता था लेकिन शुरुआती कार्यवाई के बाद अब इसकी यूनिट दिखाई नहीं देती.



कागजों में आज भी एंटी रोमियो स्क्वॉड जिंदा है और लगभग सभी थानों में इसकी इकाई बनी हुई है. लेकिन आज हकीकत है कि कई थानों में इसका कोई नामोनिशान नहीं है. वजह है पुलिस बल की भारी कमी. हालांकि एंटी रोमियो स्क्वॉड के नाम पर मोरल पुलिसिंग को रोकने में पुलिस प्रशासन सफल रहा है. लेकिन अब कॉलेजों के बाहर यह स्क्वॉड दिखाई नहीं देते ना ही लोग इसकी चर्चा करते दिखते हैं.

शुरुआत में एंटी रोमियो स्क्वाड कड़ाई से मनचलों और छेड़खानी करने वालों से निपटा था सार्वजनिक रूप से भी कई लोग पकड़े गए. हालांकि मॉरल पुलिसिंग की भी कई घटनाएं सामने आई थीं लेकिन धीरे धीरे एंटी रोमियो स्क्वॉड सिर्फ नाम का रह गया और इसके लोग दूसरे पुलिस बलों और थानों में तैनात होते गए.

पिछले कई महीनों से एंटी रोमियो स्क्वाड के आंकड़े सामने नहीं आए हैं लेकिन सरकार का दावा है कि एंटी रोमियो स्क्वॉड अच्छा काम कर रहा है और जल्द ही इसने कई और बदलाव किए जाएंगे. एंटी रोमियो दल ने काम करना शुरू किया तो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठे. शायद यही वजह है कि बाद में इस तरह की स्क्वॉड की सक्रियता कम दिखी. लेकिन योगी सरकार की उपलब्धियों में इसका जिक्र तक नहीं है.


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