नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने शुक्रवार को कहा कि उसे जाति के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव स्वीकार नहीं है और वह सभी के लिए 'एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान भूमि' का पक्षधर है। RSS के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने एक बयान में कहा कि संघ प्रेम और सद्भाव की बुनियाद पर एक जोड़ने वाले समाज के निर्माण के लिए काम कर रहा है, जहां हर कोई बिना किसी जातिगत भेदभाव के सद्भाव के साथ कुमार ने कहा, 'हम जाति के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव को स्वीकार नहीं करते। अपनी स्थापना के बाद से ही RSS एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान भूमि का हिमायती रहा है।' उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट्स को 'निराधार और गुमराह करने वाले' बताते हुए खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को दिल्ली में एक आंतरिक बैठक में कहा कि बीजेपी नेताओं के दलितों के घर जाना और उनके साथ खाना समुदाय के उत्थान के लिए पर्याप्त नहीं हैं और नेताओं को दलितों को भी अपने घर बुलाना चाहिए। कुमार ने जोर देकर कहा, 'दिल्ली में पिछले कुछ दिनों के दौरान ऐसी कोई बैठक हुई ही नहीं जिसमें बीजेपी के ग्राम स्वराज अभियान के बारे में कहा गया हो।'
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जाति के आधार पर किसी तरह का भेदभाव स्वीकार्य नहीं: आरएसएस- caste-based-discrimination
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