प्रणब के बचाव में दिग्विजय, बोले- 'RSS ने मुझे न्योता दिया होता तो मैं भी जाता'- digvijaya-singh-defends-pranab-mukherjee

नई दिल्ली :  कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी + के संघ कार्यालय जाने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'अगर आरएसएस ने मुझे न्योता दिया होता तो मैं भी जाता।' संघ के कटु आलोचक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का यह बयान मध्य प्रदेश के अहम विधानसभा चुनाव से पहले आया है, जिसमें उन्होंने आरएसएस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। हमारे सहयोगी अखबार ईकनॉमिक टाइम्स से एक्सक्लूसिव बातचीत में दिग्विजय ने कहा, 'अगर आरएसएस ने मुझे बुलाया होता तो मैं भी जाता। आरएसएस सरसंघचालक के साथ मंच साझा करने में क्या बुराई है? मैं गया होता और उनको आईना दिखाता और अपनी विचारधारा को सबके सामने रखता।' दिग्विजय ने इस बात को मानने से इनकार किया है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तरफ से आरएसएस + का न्योता स्वीकार करना गलत कदम था। उन्होंने कहा, 'नहीं। ऐसा एकदम नहीं है। मैं इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता कि हेडगेवार भारत के महान सपूत थे। वह महान नहीं थे।' आरएसएस के बुलावे पर जाने प्रणब के फैसले का दिग्विजय का समर्थन उस संदर्भ में अहम हो जाता है जिसमें उन्होंने चुनाव की राह पर बढ़ रहे मध्य प्रदेश में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। आरएसएस पर उन्होंने 'हिंसा, घृणा और आतंकवाद' फैलाने का आरोप लगाया है और उसके लिए एक नया शब्द गढ़ा है 'संघी आतंकवाद'। दिग्विजय ने कहा, 'पहली बात तो यह है कि कोई भी धर्म आतंकवाद को सही नहीं बताता। हिंदुत्व का हिंदूइज्म से कोई लेना-देना नहीं है।' दिग्विजय का यह बयान मध्य प्रदेश के तीन बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नागवार गुजरा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दिग्विजय खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने कहा, 'मुझे बीजेपी नेताओं के कांग्रेस पार्टी से मेरे खिलाफ कदम उठाने की मांग करने पर आश्चर्य हो रहा है।' उन्होंने जोर देकर कहा कि वह एक सात्विक हिंदू हैं। उन्होंने कहा, ' बीजेपी के किसी भी शख्स से ज्यादा धार्मिक हूं।' दिग्विजय सिंह + को कांग्रेस की समन्वय समिति की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने मध्य प्रदेश में बिखराव से जूझ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए एकता यात्रा की है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुटबंदी की है। फिलहाल हम सबको एकजुट होकर और एक दिशा में काम करने की जरूरत है। हमें शिवराज सिंह चौहान की बीजेपी सरकार को सत्ता से बेदखल करना है।' कांग्रेस नेता ने कहा, 'राज्य के व्यापक दौरे पर हमने देखा कि सभी कांग्रेस वर्कर्स के मन में सिर्फ एक ही भाव है-बीजेपी को हटाना है। यह हमारे लिए बहुत जरूरी है।' उन्होंने यह भी कहा कि यूनाइटेड फ्रंट बनाने की उनकी कोशिशों को भरपूर सपोर्ट मिला। हाल में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए कमलनाथ के साथ दिग्विजय के अच्छे कामकाजी रिश्ते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि स्टेट यूनिट की अगुआई के लिए उनके और गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया में होड़ में दिग्विजय के सपोर्ट के चलते कमलनाथ को फायदा हुआ।
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