BJP को सपोर्ट करेगी SP लेकिन 'शर्त' के साथ, जानिए क्‍या है मुद्दा- one-nation-one-vote-sp-trs-supports-bjps-plan-but-with-rider

नई दिल्ली : एसपी (SP) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने रविवार को लोकसभा व राज्य विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के विचार का समर्थन किया है. सपा के राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पहल का समर्थन करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत 2019 से होनी चाहिए. विधि आयोग द्वारा आहूत बैठक में यादव ने कहा, 'सपा लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के समर्थन में है. एक साथ चुनाव कराने की इस प्रक्रिया को 2019 चुनाव से लागू किया जाना चाहिए.' यादव ने कहा, 'अगर एक पार्टी लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में पूर्ण बहुमत नहीं पाती है और कुछ पार्टियां गठबंधन सरकार बनाने के लिए लोकसभा/विधासभा सदस्यों की सूची के साथ राष्ट्रपति या राज्यपाल से संपर्क करती हैं, तो राष्ट्रपति/राज्यपाल को चाहिए कि वह उस गठबंधन की सभी पार्टियों को शपथ पत्र देने के लिए कहें, जिसमें उस अवधि के लिए एकसाथ काम करने की शर्त लिखी हो.'पार्टी बदलने वाले के खिलाफ एक माह में हो फैसला सपा की ओर से प्रसारित एक पत्र में कहा गया है, 'अगर गठबंधन सरकार में से एक पार्टी खुद को अलग करती है, तब कानून सदन अध्यक्ष को सशक्त बनाए कि वह उस पार्टी और सभी सदस्यों की संबद्धता को समाप्त कर सकें.' पत्र में कहा गया है, 'ऐसा पाया गया है कि कोई किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाता है और उस पर अध्यक्ष महीनों कोई कार्रवाई नहीं करते. इसीलिए कानून में यह प्रावधान होना चाहिए कि अध्यक्ष को पार्टी बदलने वाले व्यक्ति के संबंध में एक महीने के भीतर निर्णय लेना ही होगा.' पत्र में कहा गया है, 'अगर कोई चुनी सरकार 3 वर्षों के भीतर गिर जाती है और वहां नई सरकार बनाने की कोई संभावना नहीं है, तो वहां चुनाव दो साल के लिए होने चाहिए ताकि चुनाव समय पर हो सकें.' टीआरएस ने भी किया समर्थन उधर, टीआरएस के बी. विनोद कुमार ने कहा, 'हमारे पार्टी अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि हम लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव साथ कराने का दृढ़ता से समर्थन करते हैं ताकि केंद्र और राज्य स्तर पर निर्वाचित सरकार 5 साल की अवधि तक सही तरीके से काम कर सकें और देश भर में चुनाव पर फिजूल का वक्त खर्च न हो.' उन्होंने कहा, "इससे बहुत से पैसे, समय और बिना वजह के व्यय को बचाया जा सकता है...मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बिना किसी परेशानी के 5 साल की अवधि तक काम कर सकते हैं.' तृणमूल कांग्रेस ने किया विरोध तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि यह संविधान के खिलाफ है और क्षेत्रीय हितों पर इससे प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. हालांकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) ने लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने के विचार को संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध किया है.
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