सौरव गांगुली बोले- विराट को रनों के लिए कोई याद नहीं रखेगा...

नई दिल्ली : टीम इंडिया इस समय इंग्लैंड का दौरा कर रही है जहां विराट कोहली की कप्तानी में भारत को तीन टी20 मैचों की सीरीज जीतने की चुनौती है जो दूसरे मैच के बाद 1-1 से बराबर थी. यह दौरा विराट कोहली की दोहरी परीक्षा है. एक तरफ विराट को इंग्लैंड में खुद का वयक्तिगत रिकॉर्ड सुधारना है वहीं उनके सामने टीम को जीत दिलाने की भी चुनौती है क्योंकि इंग्लैंड में इस दौरे के टीम इंडिया के प्रदर्शन पर ही अगले साल होने वाले आईसीसी वर्ल्डकप की तैयारियों का आंकलन होगा. इस दौरे पर विराट की सफलता उन्हें विश्वकप में मनोवैज्ञानिक लाभ जरूर मिलेगा. भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने विराट कोहली के बारे में एक खास बयान में कहा है कि विराट कोहली को उनके रनों के लिए नहीं याद किया जाएगा. सौरव गांगुली रविवार को 46 साल के हो गए हैं. क्रिकबज को दिए एक इंटरव्यू में सौरव ने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के बारे में बात की. सौरव गांगुली से भारत के मशहूर क्रिकेट कॉमेंटेटर हर्षा भोगले ने बातचीत की हर्षा ने सौरव से पूछा कि आपकी कप्तानी के दौर में तो बहुत से युवा खिलाड़ी थे. इस समय टीम इंडिया में भी काफी युवा खिलाड़ी आ रहे हैं ऐसे में आप विराट को क्या सलाह देंगे. सौरव ने कहा कि विराट को खिलाड़ी चुनने की नजर बनानी होगी. ये सबसे अहम है और इसमें कोई नियम नहीं है. विराट अपने खिलाड़ियों का बचाव करते हैं. यह काफी समय से टीम इंडिया में हो रहा है. धोनी में था, विराट में है. विराट आक्रामक हैं उन्हें घर से दूर टेस्ट में जीत हासिल करनी है. विराट ने कई ऊंचाइयां हासिल की हैं दक्षिण अफ्रीका में विराट की टीम ने बढ़िया किया. विराट ने क्रिकेट में कई ऊंचाइयां हासिल की हैं. क्या उन्हें दूसरों से भी यही अपेक्षा करनी चाहिए. जब दूसरे ऐसा न कर पाएं तो क्या ये हताश नहीं करता है. इस सौरव ने कहा कि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि विराट ऐसा करता हैं. भारत में गंभीर खिलाड़ियों की भरमार रही है. विराट को इस बात के लिए याद नहीं किया जाएगा कि उन्होंने कितने रन बनाए, बल्कि उन्हें इस बात कि लिए आंका जाएगा कि वे टीम को कहां तक ले जा सके. यह ज्यादा अहम है उम्मीद है उनके आसपास बढ़िया लोग हैं. यह पूछे जाने पर क्या विराट ने बतौर कप्तान सही नजरिया दिखाया है. सौरव ने कहा कि बिलकुल. वे अपने खिलाड़ियों के लिए खड़े रहते हैं. वे कुछ अलग कर रहे हैं. उसने नए मानदंड स्थापित किए हैं वे सही राह पर हैं.सौरव गांगुली ने 1992 में पहला वनडे खेला था जबकि पहला वनडे उन्होंने 1996 में खेला था जो इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. सौरव को उनकी बल्लेबाजी से ज्यादा उनकी कप्तानी से जाने जाते हैं. 2000 में उन्होंने टीम इंडिया की कप्तानी को संभाला था. उन्हें टीम इंडिया में नया जोश भरने के लिए जाना जाता है. सौरव की कप्तानी में टीम इंडिया में विदेशी दौरों में सफलता हासिल करना शुरू की थी. उनकी कप्तानी में ही साल 2003 के वर्ल्डकप में टीम इंडिया फाइनल में पहुंची थी. सौरव ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2008 और अंतिम वनडे 2007 में खेला था.
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