झारखंड : पाकुड़ में क्यों पिटे स्वामी अग्निवेश, बयान नहीं ये थी मुख्य वजह-know-why-swami-agnivesh-beaten-in-pakur

पाकुड़: अक्सर विवादों में रहने वाले स्वामी अग्निवेश को झारखंड के पाकुड़ में कुछ लोगों ने निशाने पर लिया. स्वामी अग्निवेश असमाजिक तत्वों के गुस्से का शिकार बन गए. अग्निवेश दरअसल पाकुड़ में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान स्वामी अग्निवेश की पिटाई भी की गई और स्वामी वापस जाओ के नारे भी लगाए गए. खबरों की माने तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने इस घटना को अंजाम दिया है. स्वामी यहां आदिवासियों के एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए हुए थे. जब वे इस कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, तभी कुछ लोग काले झंडे दिखाते हुए वहां पहुंचे और उन्हें घेरकर उन पर हमला कर दिया. माना जा रहा है कि लोगों ने स्वामी पर उनके कुछ बयानों को लेकर हमला किया है, लेकिन विरोधियों ने इसकी कुछ और ही वजह बताई है. इसलिए पिटे स्वामी अग्निवेश हमलावरों को शिकायत थी कि स्वामी अग्निवेश ईसाई मिशनरी के इशारे पर आदिवासियों को भड़काने आए थे. आपको बता दें कि स्वामी अग्निवेश के पाकु़ड़ दौरे का जिले के विभिन्न संगठन पहले से विरोध कर रहे थे. पाकिस्तान के इशारे पर काम करने का आरोप हमलावरों का आरोप है कि स्वामी अग्निवेश ईसाई मिशनरी और पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे हैं. झारखंड में जनभावना को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि कहा जा रहा है कि स्वामी अग्निवेश कानून व्यवस्था के मसले पर एसपी से मिलने आए थे और साथ ही पाकुड़ में एक कार्यक्रम में शामिल होने का कार्यक्रम था. पहले किया विरोध पहले बीजेपी के युवा कार्यकर्ताओं ने स्वामी अग्निवेश का विरोध किया और काले झंडे भी दिखाए. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने स्वामी अग्निवेश के विरोध में नारे भी लगाए और जूते-चप्पलों से उनकी पिटाई कर दी. आपको बता दें कि स्वामी अग्निवेश हरियाणा सरकार के अंतर्गत 80 के दशक में मंत्री भी रह चुके हैं. बीफ पर दिए बयान से भी नाराजगी! कहा जा रहा है कि होटल के नीचे स्वामी अग्निवेश का विरोध कर रहे लोगों में स्वामी अग्निवेश के बीफ पर दिए बयान को लेकर भी नाराजगी थी. अपने बयान में उन्होंने कहा था कि बीफ खाना चाहिए इसमें कुछ गलत नहीं है. स्वामी अग्निवेश का बयान इस मुद्दे पर स्वामी अग्निवेश ने कहा कि 80 साल की उम्र में पहली बार मुझे ऐसी चीजों को झेलना पड़ रहा है. सरकार को जांच करनी चाहिए कि ये हमलावर किस संगठन के हैं, उनके नेता कौन हैं, कैसे तत्व हैं इन बातों की भी सरकार को पूरी जांच करनी चाहिए. जो कार्रवाई कानून में है वो करना चाहिए. स्‍वामी अग्निवेश बंधुआ श्रम मजदूरी के खिलाफ अभियान के अगुआ रहे हैं. उन्‍होंने इसके लिए 1981 में बंधुआ श्रम लिबरेशन फ्रंट का गठन किया था.
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