चेन्नै
:तमिलनाडु सरकार ने उच्च शिक्षा आयोग गठित करने को लेकर केंद्र की ओर से तैयार किए गए विधेयक के मसौदे का शनिवार को पुरजोर विरोध किया और कहा कि यूजीसी को प्रमुखता देने वाली मौजूदा व्यवस्था जारी रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा, 'नियामक और वित्तीय शक्तियों से युक्त विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मौजूदा संस्थागत व्यवस्था अच्छा काम कर रही है।' उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार की राय है कि यूजीसी को खत्म करने और इसकी जगह सिर्फ नियामक शक्तियों से युक्त भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन की कोई जरूरत नहीं है।
पलानीस्वामी ने कहा कि यूजीसी द्वारा प्राप्त प्रस्तावों के तथ्यपरक मूल्यांकन और पारदर्शी तरीके से धन की मंजूरी देने के लिए उसके पास जरूरी क्षमता है। इसकी वित्तीय शक्तियां इस संस्था के लिए अतिरिक्त तंत्र है जिससे वह अपनी सिफारिशों पर अमल सुनिश्चित करती है। प्रस्तावित विधेयक के मसौदे में वित्तीय शक्तियां मानव संसाधन विकास मंत्रालय या किसी अन्य निकाय को सौंपने का प्रस्ताव है।
केंद्र के इस कदम पर तमिलनाडु सरकार की 'आपत्तियां और आशंकाएं' जाहिर करते हुए पलानीस्वामी ने कहा, 'मेरिट के आधार पर विभिन्न मंत्रालयों द्वारा तमिलनाडु के लिए धन की मंजूरी के बाबत हमारे अनुभव बहुत सकारात्मक नहीं रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'यदि मानव संसाधन विकास मंत्रालय वित्तीय शक्तियां अपने पास रख लेता है तो हमें आशंका है कि धन की मंजूरी की व्यवस्था बदल जाएगी और यह 100 फीसदी फंडिंग की बजाय 60:40 के अनुपात में भारत सरकार एवं राज्य सरकार में बंट जाएगा।' मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं कारणों से तमिलनाडु सरकार विधेयक के मसौदे का पुरजोर विरोध करती है।
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उच्च शिक्षा विधेयक के विरोध में तमिलनाडु सरकार, की यूजीसी की वकालत- tamil-nadu-government-to-oppose-higher-education-commission-bill
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