भारत में 9 सालों में 692 से 860 पहुंची बाघों की संख्या, PM मोदी ने जताई खुशी- Loktantra Ki Buniyad

नई दिल्लीः आज विश्व भर में बाघ दिवस मनाया जा रहा है. विश्व में तेजी से घट रही बाघों की आवादी को देखते हुए 2010 से 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई. 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग ने बाघ सम्मेलन में बाघों के संरक्षण के लिए 'विश्व बाघ दिवस' मनाने की घोषणा की थी, जिसके बाद से ही दुनिया भर में 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. दुनिया भर में विश्व बाघ दिवस मनाए जाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह थी लोगों में बाघों और जंगलों के प्रति जागरुकता फैलाई जा सके और उन्हें बाघों के संरक्षण के प्रति भी जागरुक किया जाए. ऐसे में विश्व बाघ दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑल इंडिया एस्टीमेशन 2018 पेश किया और कहा कि, '9 साल पहले सेंट पीटर्सबर्ग ने यह निर्णय लिया था कि बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए अब से हर साल 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाया जाएगा. उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा था और भारत ने इसे 9 सालों में ही पूरा कर लिया है. भारत बाघों के लिए एक सुरक्षित जगह है. यह कहानी 'एक था टाइगर' से 'टाइगर जिंदा है' तक पहुंचती है और यहीं खत्म नहीं होगी. पांच सालों में संरक्षित इलाकों में बाघों की संख्या 692 से बढ़कर 860 हुई है.' वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने केंद्र सरकार द्वारा जारी बाघ गणना आकलन रिपोर्ट में मध्यप्रदेश को बाघ प्रदेश का दर्जा पुनः हासिल होने पर प्रसन्नता जाहिर की है और प्रदेश के सभी नागरिकों को बधाई दी है. मुख्यमंत्री ने सभी राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों के प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों को विशेष रूप से बधाई दी है. उन्होंने बाघ संरक्षण से जुड़ी सभी संस्थाओं, व्यक्तियों, विशेषज्ञों को भी बधाई दी जिन्होंने बाघो के संरक्षण के प्रति समय समय पर अपनी चिंता जताई और सरकार का ध्यान आकृष्ट किया.
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