जमाखोरों को फायदा पहुंचाने के लिए केजरीवाल ने केंद्र से नहीं लिया प्याज: विजेंद्र गुप्ता- Loktantra Ki Buniyad

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार और जमाखोरों की मिलीभगत के कारण बढ़ती प्याज की कीमतों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार 15.90 रूपये में दिल्ली सरकार को प्याज दे रही है, लेकिन केजरीवाल प्याज लेने का ऑर्डर देकर उसे रद्द कर दे रहे हैं. जिससे केजरीवाल सरकार का दोहरा चरित्र दिल्ली की जनता के सामने आ गया है. इस प्रेस वार्ता में विधायक ओम प्रकाश शर्मा, कपिल मिश्रा, अनिल वाजपेयी एवं मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे. गुप्ता ने कहा कि आम आदमी की पहुंच से दूर और उनके बजट से बाहर हो चुका प्याज दिल्ली में 60-80 रूपये प्रति किलों बिक रहा है. जबकि केन्द्र सरकार अपने स्तर पर पूरी दिल्ली में केन्द्रीय भण्डार, नैफेड, एन.सी.सी.एफ और मदर डेयरी के बूथों के माध्यम से 23.90 पैसे प्रति किलों प्याज आज भी बेच रही है. हम जनता पर हो रहे इस अत्याचार के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर प्रचण्ड प्रदर्शन करेंगे.दिल्ली के मुख्यमंत्री पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुये विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता के बीच बड़े बड़े विज्ञापनों के माध्यम से दुष्प्रचार कर रहे है कि प्याज की कमी के कारण दिल्ली में प्याज महंगी बेची जा रही है. केन्द्र सरकार ने दिल्ली सरकार को सिंतम्बर में पत्र लिखकर भविष्य में बढ़ती कीमतों का अंदेशा बताकर 56000 टन प्याज का स्टॉक बताया था. मुख्यमंत्री ने दिल्ली की जनता को 27 सिंतबर को सोशल मीडिया के माध्यम से ट्विट कर बताया कि कल 28 सिंतबर से दिल्ली में सभी लोगों को 70 मोबाईल वैन व 400 सेन्टरों पर 23.90 पैसे प्रति किलों प्याज बांटी जायेगी. लेकिन 28, 29 व 30 सिंतबर बीत जाने के बाद भी जनता को प्याज नहीं मिली. केजरीवाल सरकार ने 1 अक्टूबर को प्याज का ऑर्डर केंद्रीय एजेंसियों को दिया, लेकिन अचानक 4 अक्टूबर को आर्डर रद्द कर दिया गया. 4 अक्टूबर को चिठ्ठी लिखकर दिल्ली सरकार द्वारा बताया गया कि हमारे पास प्याज का स्टॉक पर्याप्त है, हमें और प्याज की जरूरत नहीं है. वहीं दूसरी ओर 15 अक्टूबर को दिल्ली सरकार बैठक करती है और मीडिया के बीच प्रसारित करती है कि प्याज मिल नहीं रही है इसलिए सस्ती दरों पर हम प्याज देने में असमर्थ हैं. गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा 1 अक्टूबर को आर्डर किया प्याज दिल्ली पहुंच चुका था, लेकिन दिल्ली सरकार ने लेने से इन्कार कर दिया और वजह बताई कि प्याज की गुणवत्ता उच्च स्तर की नहीं है. केन्द्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर कहा कि आप नासिक अपने प्रतिनिधियों को भेजे ताकि वो उच्च गुणवत्ता की प्याज स्वंय देखकर लोड कराये, किन्तु केजरीवाल सरकार ने दलगत राजनीति करते हुये जनता के हितों के बारे में एक बार भी नहीं सोचा और प्याज के लिए मना कर दिया. दिल्ली के लोगों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने के लिए प्याज उपलब्ध नहीं है, ऐसा प्राचरित किया गया. केजरीवाल ने जनता को कहा कि हम दिल्ली के सभी वार्डों में प्याज वितरित करेगें, लेकिन एक भी जगह प्याज नहीं बांटी गई. मुख्यमंत्री ने प्याज बांटने के अपने झूठे विज्ञापनों पर करोड़ांे रूपया खर्च कर दिया, यदि वो यहि धनराशी जनता को प्याज की कीमतों में राहत देने के लिए करते तो आज जनता प्याज के आंसू नहीं रो रही होती. केजरीवाल सरकार का डिस्ट्रिबियूशन सिस्टम पूरी तरह से फेल साबित हुआ है और उनका दोहरा चरित्र जनता के सामने आ चुका है एक तरफ तो प्याज की कमी बताते है और जब केन्द्र सरकार आगे से आकर प्याज मुहैया कराती है तो आर्डर रद्द कर देते हैं, जनता अपने साथ हुये इस अन्याय के लिए मुख्यमंत्री से जवाब मांग रही है. गुप्ता ने दिल्ली की जनता का आह्वान करते हुये कहा कि जनता में रोष है और दिल्ली भाजपा जनता के साथ मिलकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर उनसे जवाब मांगेगी और उन्हें जनता के सवालों का जवाब देना होगा. कालाबाजारी को बढ़ावा देने वाले मुख्यमंत्री की मिलीभगत प्याज के स्टॉक होल्डर के साथ है जिन्हें फायदा पहुंचाने के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर बार बार कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री से दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि क्यों उन्होंनें प्याज का आर्डर कैंसिल किया, क्यों उन्होंनें जनता को सस्ती दरों पर प्याज नहीं बांटी, क्यों सूची में दी गई दुकानों पर प्याज लोगों को नहीं मिली, क्यों नहीं दिल्ली सरकार द्वारा नासिक अपना प्रतिनिधी भेजा गया. मुख्यमंत्री ने दिल्ली में प्याज के संकट की स्थिति को उत्पन्न करने की नाकाम कोशिश की है. दिल्ली की जनता के खिलाफ यह एक षडयन्त्र है जिसे दिल्ली भाजपा जनता के सामने लाकर रहेगी. Tags: अरविंद केजरीवालArvind Kejriwal
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