सुप्रीम कोर्ट में शशिकला को शपथ लेने से रोकने की याचिका पर तुरंत सुनवाई नही होगी - -tamilnadu power struggle

तमिलनाडु में सत्ता के लिए एआईएडीएमके के अंदर घमासान जारी है. एआईएडीएमके महासचिव शशिकला ने गुरुवार शाम राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया. हालांकि, दूसरी ओर पन्नीरसेल्वम भी अपने साथ विधायकों के होने का दावा कर रहे हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को शपथ लेने से रोकने की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है.

बाकी दलों की भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कांग्रेस ने साफ किया है कि वह डीएमके के साथ है और शशिकला को समर्थन देने का कोई सवाल नहीं है. इससे ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या शशिकला गुट ने कांग्रेस ने समर्थन के लिए संपर्क साधा था. जबकि शशिकला गुट का दावा है कि 130 से अधिक विधायक उसके साथ है. इससे ये भी सवाल उठ रहा है कि क्या शशिकला गुट से AIADMK विधायक खिसककर पन्नीरसेल्वम की तरफ आ रहे हैं.

तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा में AIADMK के पास कुल 135 विधायक हैं. ऐसी खबरें आ रही हैं विधायक कार्यकारी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम खेमे का भी रुख कर रहे हैं. हालांकि गुरुवार को तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात के दौरान शशिकला ने 129 विधायकों के समर्थन का दावा किया है.

इस बीच, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि राज्यपाल को शशिकला को बहुमत साबित करने का मौका मिलना चाहिए. स्वामी ने कहा कि शशिकला ने राज्यपाल को विधायकों की लिस्ट सौंप दी हैं. उनके पास बहुमत है. राज्यपाल को विधानसभा में उन्हें बहुमत साबित करने का मौका देना चाहिए.

पन्नीरसेल्वम गुट ने इन दावों का खारिज करते हुए शशिकला को करीब 100 विधायकों के समर्थन की बात कही है. पन्नीरसेल्वम का भी दावा है कि अगर राज्यपाल उन्हें मौका देते हैं तो वह बहुमत साबित कर देंगे. हालांकि अभी उनके साथ केवल 5 विधायक हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी के विधायकों को ईस्ट कोस्ट रोड पर गोल्डन बे रिजॉर्ट में 'बंधक' बनाकर रखा गया है और वे भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

इस बीच, डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने इस बात से इनकार किया कि उनकी पार्टी ने ओ पनीरसेल्वम को समर्थन की पेशकश की है. स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया कि सही समय पर एक उचित निर्णय किया जाएगा. स्टालिन ने अपनी पार्टी की एक उप महासचिव सुब्बुलक्ष्मी जगदीशन की ओर से व्यक्त किये गए इस विचार से पार्टी को अलग किया कि द्रमुक पनीरसेल्वम को बिना शर्त समर्थन की पेशकश करेगा.


स्टालिन ने कहा- डीएमके उनके विचार से सहमत नहीं है. पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि केवल पार्टी अध्यक्ष एम करूणानिधि और महासचिव के अनबाझगन सही समय पर एक उचित निर्णय करेंगे. तमिलनाडु में वर्तमान स्थिति असाधारण है. स्टालिन ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में पार्टी लाइन का निर्णय मशविरे के बाद शीर्ष नेतृत्व द्वारा किया जाएगा.
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