विपक्ष के पास राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम सुझाने का नहीं हैं मौका - Opposition has no chance now to suggest a name presidential poll

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ संकेत दिए हैं कि अब विपक्षी कांग्रेस तथा वामदलों के पास राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम सुझाने का संभवतः कोई मौका नहीं बचा है. बीजेपी अध्यक्ष ने विपक्षी दलों की इन शिकायतों को खारिज कर दिया कि पार्टी के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार के दो मंत्रियों राजनाथ सिंह तथा एम. वेंकैया नायडू जब उनके (विपक्षी दलों के) पास पहुंचे थे, कोई नाम पहले से तय नहीं थे. अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी का नाम अपने आप तय करेगा.

मुंबई में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीजेपी प्रमुख ने कहा कि अगर वे लोग (राजनाथ सिंह तथा वेंकैया नायडू) पहले से नाम लेकर विपक्षी दलों के पास पहुंचे होते, तो यही पार्टियां शिकायत करतीं कि सरकार ने पहले से ही सब कुछ तय कर रखा है. उन्होंने कहा, "हम उनके पास सुझाव मांगने गए थे... अब अगर आप (कोई सुझाव) नहीं देना चाहते, तो अब हम उनके पास तब जाएंगे, जब हम फैसला ले चुके होंगे..."

राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर अन्य दलों से विचार-विमर्श करने के लिए बीजेपी ने एक समिति का गठन किया था, जिसमें राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू तथा वित्तमंत्री अरुण जेटली शामिल हैं, लेकिन जेटली फिलहाल विदेश में हैं. शुक्रवार को समिति के सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा वाम नेता (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी या सीपीएम के प्रमुख) सीताराम येचुरी समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि सर्वसम्मति का सवाल ही पैदा नहीं होता, 'जब उन्होंने कोई नाम ही नहीं दिए...' इसी मुद्दे पर सीताराम येचुरी ने कहा, "हमने पूछा था कि क्या उनका कोई प्रत्याशी है... हमारे पास कई नाम हैं..." माकपा नेता ने सवाल किया, "सुझाव मांगकर फैसला लेना बेहतर है, या फैसला कर लेने के बाद सुझाव मांगना..."

लेकिन बीजेपी अध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी विपक्षी दलों से एक बार फिर विचार-विमर्श करेगी, लेकिन इस बार समिति सदस्य 'एक नाम के साथ उनके पास वापस जाएंगे...' हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि बातचीत का यह अगला दौर कब होगा.

राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी का पांच साल का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. माना जा रहा है कि बीजेपी-नीत एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 जून को अमेरिका रवाना होने से पहले दाखिल कर देंगे.

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