नई दिल्ली. सरकार आपसे एक लीटर पेट्रोल पर 43 रुपए टैक्स लेती है. यानी अगर आप एक लीटर पेट्रोल की कीमत 69.12 रुपये भुगतान कर रहे हैं तो इसमें पेट्रोल की वास्तविक कीमत लगभग 26 रुपये ही दे रहे हैं, जबकि शेष टैक्स रूप में वसूला जा रहा है. इसके लिए आपको सरकार के टैक्स लगाने का गणित समझना होगा.
नए नियम से पेट्रोल की कीमत फिर 2014 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. एक जुलाई से अब तक दिल्ली में पेट्रोल के दाम 6 रुपए और डीजल के दाम 3.69 रुपए प्रति लीटर बढ़ चुके हैं. मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 69.09 रुपए प्रति लीटर हो गया, जबकि, एक जुलाई को पेट्रोल के रेट्स 63.09 रुपए प्रति लीटर थे. अब आपको यह जानना जरूरी है कि सरकार कैसे पेट्रोल की वास्तविक कीमत से डेढ़ गुना आपसे टैक्स वसूल रही है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत और डॉलर-रुपया विनिमय दर को देखें तो ऑयल कंपनियां रिफाइनरियों से मात्र 26.22 रुपये प्रति लीटर में तेल खरीदती हैं. इसके बाद 3.49 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और वैट वसूलती है. इससे पेट्रोल कीमतें बढ़कर 29.71 रुपए हो जाती है. फिर पेट्रोल पर 21.48 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी वसूली जाती है. इस टैक्स के साथ पेट्रोल की कीमत बढ़कर 51.19 रुपए हो जाती है. इसके बाद 3.23 रुपये प्रति लीटर डीलर का कमीशन होता है.
अब कमीशन के बाद पेट्रोल की कीमत बढ़कर 54.42 रुपए प्रति लीटर हो जाता है. इसके ऊपर राज्य 27 प्रतिशत की दर से वैट लगती है, जो 14.69 रुपये प्रति लीटर बनता है. इस हिसाब से दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत बढ़कर 69.12 रुपए प्रति लीटर हो जाती है. पेट्रोल की कीमत और टैक्स का गणित आईओसी की वेबसाइट पर उपलब्ध है. अर्थात केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पेट्रोल पर 163 फीसद टैक्स वसूलती है.
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