नई दिल्ली. पांच वनडे और तीन टी-20 खेलने के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम अगले महीने भारत आ रही है. उसके दौरे के पहले मुकाबले की मेजबानी तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) को करना है, लेकिन तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के समक्ष पैसे न होने की बात कह कर मदद की गुहार लगाई है.
टीएनसीए ने बीसीसीआई को भेजे ईमेल में कहा है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 17 सितंबर को पहला वनडे चेन्नई में प्रस्तावित है. हमें आपकी तरफ से बताया गया है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम आठ सितंबर को ही चेन्नई पहुंच जाएगी और उसकी सुरक्षा, यातायात और अभ्यास सत्र का इंतजाम हमें करना है. आमतौर पर मेजबान राज्य संघों को तीन दिन ही मेहमान टीम का इंतजाम करना होता है, लेकिन यह इस सीरीज का पहला मुकाबला है और ऑस्ट्रेलियाई टीम यहां की परिस्थितियों में खुद को ढालने के लिए पहले आना चाहती है. हालांकि होटल का खर्च वही उठा रहे हैं, मगर ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए हमें करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च करने होंगे और इसमें मुख्य खर्च सुरक्षा का है. हमें टीम होटल में 25-30 पुलिस वालों की जरूरत होगी. तमिलनाडु पुलिस इसके लिए हमसे फीस लेगी. ट्रांसपोर्ट, एंबुलेंस, मेडिकल टीम और अभ्यास की सुविधाओं के लिए भी खर्च होगा. जीएसटी और राज्य के मनोरंजन कर के साथ टिकट का दाम किफायती रखने के कारण हम मेहमान टीम के मैच से पहले होने वाले खर्च का भार झेलने में असमर्थ होंगे. इसके लिए बीसीसीआई हमें डेढ़ करोड़ रुपये दे और हम बाद में इसका हिसाब देंगे.
ईमेल में यह भी कहा है कि कार्यकेम के हिसाब से ऑस्ट्रेलिया को यहां एक अभ्यास मैच भी खेलना है जिसका खर्च बीसीसीआई ने एक लाख रुपये रखा है. हालांकि इस पर इससे कई गुना खर्च होगा. अगर आप हमें डेढ़ करोड़ रुपये जारी करते हैं तो हम उसी में इस मैच को भी आयोजित कर लेंगे. इस मेल के बाद बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति की परेशानी बढ़ गई होगी. टीएनसीए ने अपनी दरअसल, लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने के कारण बीसीसीआई की तरफ से राज्य संघों को धन नहीं दिया जा रहा है. पिछले घरेलू सत्र में भी राज्य संघ अंतरराष्ट्रीय मैचों को आयोजित करने के लिए अदालत की शरण में गए थे जिसके बाद बीसीसीआई की तरफ से उन्हें धन जारी किया गया था.
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