नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर गुरुवार को राज्यसभा में मौजूद रहे. सचिन ने इस दौरान कोई सवाल का नहीं पूछा लेकिन वह सदन की कार्यवाही में मौजूद रहे. सचिन के अलावा मैरीकॉम भी सदन में मौजूद रहीं. आपको बता दें कि अभी हाल ही में सपा नेता नरेश अग्रवाल में राज्यसभा में सचिन और रेखा की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया था.|
मंगलवार को नरेश अग्रवाल ने कहा था कि जब सचिन और रेखा सदन में आते ही नहीं हैं, तो क्यों नहीं उनकी सदस्यता रद्द कर उन्हें सदन से निकाल दिया जाए. आपको बता दें कि सचिन और रेखा की उपस्थिति काफी कम रही है. नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर हम विजय माल्या को सदन से निकाल सकते हैं तो इन्हें क्यों नहीं.
नरेश अग्रवाल इससे पहले भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं. मार्च में उन्होंने सदन में कहा था कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि क्रिकेट और फिल्म सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को मनोनीत किया जाता है. लेकिन ऐसे कई सदस्य सदन में नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह हो सकता है कि उनकी रुचि इसमें नहीं है, और अगर उनकी रुचि नहीं है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
सचिन तेंदुलकर और रेखा दोनों ही 2012 में सदन में मनोनीत हुए थे. जिसके बाद करीब 348 दिनों में सचिन सिर्फ 23 दिन और रेखा मात्र 18 दिन ही सदन में रहें. अब हाल ही में भी मानसून सत्र में भी दोनों उपस्थित नहीं रहे हैं. वहीं पिछले बजट सेशन - 31.1.2017 से 9.2.2017 में भी दोनों सिर्फ
गौरतलब है कि इस समय राज्यसभा में 12 मनोनीत सदस्य हैं जिनमें सचिन तेंदुलकर, रेखा, अनु आगा, संभाजी छत्रपति, स्वप्न दासगुप्ता, रूपा गांगुली, नरेंद्र जाधव, एमसी मैरीकॉम, के पारासरन, गोपी सुरेश, सुब्रमण्यन स्वामी और केटीएस तुलसी शामिल हैं.
मंगलवार को नरेश अग्रवाल ने कहा था कि जब सचिन और रेखा सदन में आते ही नहीं हैं, तो क्यों नहीं उनकी सदस्यता रद्द कर उन्हें सदन से निकाल दिया जाए. आपको बता दें कि सचिन और रेखा की उपस्थिति काफी कम रही है. नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर हम विजय माल्या को सदन से निकाल सकते हैं तो इन्हें क्यों नहीं.
नरेश अग्रवाल इससे पहले भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं. मार्च में उन्होंने सदन में कहा था कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि क्रिकेट और फिल्म सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को मनोनीत किया जाता है. लेकिन ऐसे कई सदस्य सदन में नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह हो सकता है कि उनकी रुचि इसमें नहीं है, और अगर उनकी रुचि नहीं है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
सचिन तेंदुलकर और रेखा दोनों ही 2012 में सदन में मनोनीत हुए थे. जिसके बाद करीब 348 दिनों में सचिन सिर्फ 23 दिन और रेखा मात्र 18 दिन ही सदन में रहें. अब हाल ही में भी मानसून सत्र में भी दोनों उपस्थित नहीं रहे हैं. वहीं पिछले बजट सेशन - 31.1.2017 से 9.2.2017 में भी दोनों सिर्फ
गौरतलब है कि इस समय राज्यसभा में 12 मनोनीत सदस्य हैं जिनमें सचिन तेंदुलकर, रेखा, अनु आगा, संभाजी छत्रपति, स्वप्न दासगुप्ता, रूपा गांगुली, नरेंद्र जाधव, एमसी मैरीकॉम, के पारासरन, गोपी सुरेश, सुब्रमण्यन स्वामी और केटीएस तुलसी शामिल हैं.
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