श्रीनगर : जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया जबकि हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद किया गया. यह कार्रवाई दिल्ली में एनआईए मुख्यालय के बाहर अलगाववादियों द्वारा प्रस्तावित धरने से एक दिन पहले हुई है. अधिकारियों ने कहा कि मलिक को हिरासत में लिया गया और 11 सितंबर तक सेंट्रल जेल भेजा गया. उन्होंने कहा कि अलगाववादियों को कल दिल्ली जाने से रोकने के लिए मीरवाइज को नजरबंद किया गया. हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी पिछले कई सालों से नजरबंद हैं.
मलिक, गिलानी और मीरवाइज ने कल घोषणा की थी कि वे एनआईए द्वारा कथित उत्पीडन के खिलाफ दिल्ली में एनआईए कार्यालय के बाहर धरना देंगे और गिरफ्तारी देंगे. एनआईए ने हाल में कथित धन शोधन और कुछ अन्य मामलों के संबंध में अलगाववादी नेताओं से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां कीं और छापेमारी की.
बुधवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े की अगुवाई करने वाले मीरवाइज ने आरोप लगाया, 'सरकार नेताओं, कारोबारियों और छात्र समुदाय का उत्पीड़न करने के लिए एनआईए का इस्तेमाल कर रही है जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में आगे थे.' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिष्ठित अलगाववादी नेताओं और कश्मीर के कारोबारियों के खिलाफ एनआईए की जांच कश्मीर के मुद्दे से ध्यान भटकाने की एक कोशिश है.
मलिक ने एनआईए की तुलना बॉलीवुड फिल्म 'शोले' के विलेन गब्बर सिंह से करते हुए कहा 'सरकार लोगों को डराने और उन्हें आजादी के संघर्ष से दूर रखने के लिए गब्बर सिंह का इस्तेमाल कर रही है.'
मलिक, गिलानी और मीरवाइज ने कल घोषणा की थी कि वे एनआईए द्वारा कथित उत्पीडन के खिलाफ दिल्ली में एनआईए कार्यालय के बाहर धरना देंगे और गिरफ्तारी देंगे. एनआईए ने हाल में कथित धन शोधन और कुछ अन्य मामलों के संबंध में अलगाववादी नेताओं से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां कीं और छापेमारी की.
बुधवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े की अगुवाई करने वाले मीरवाइज ने आरोप लगाया, 'सरकार नेताओं, कारोबारियों और छात्र समुदाय का उत्पीड़न करने के लिए एनआईए का इस्तेमाल कर रही है जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में आगे थे.' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिष्ठित अलगाववादी नेताओं और कश्मीर के कारोबारियों के खिलाफ एनआईए की जांच कश्मीर के मुद्दे से ध्यान भटकाने की एक कोशिश है.
मलिक ने एनआईए की तुलना बॉलीवुड फिल्म 'शोले' के विलेन गब्बर सिंह से करते हुए कहा 'सरकार लोगों को डराने और उन्हें आजादी के संघर्ष से दूर रखने के लिए गब्बर सिंह का इस्तेमाल कर रही है.'
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