मिट्टी खरीद घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार को बिहार सरकार से मांगी जांच स्थिति रिपोर्ट - lalu yadavs older son tej pratap yadav faces trouble in soil scam

पटना:  भ्रष्‍टाचार के कई मामलों में घिरे लालू प्रसाद के परिवार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. इसकी ताजा कड़ी में पटना हाई कोर्ट ने  राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे एवं पूर्व पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप यादव की कथित संलिप्तता वाली मिट्टी खरीद घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार को बिहार सरकार से जांच स्थिति रिपोर्ट मांगी.  मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति ए के उपाध्याय की खंडपीठ ने वकील आरएस सिंग सेनगर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख छह हफ्ते बाद की रखी.



याचिकाकर्ता ने पटना के प्राणि उद्यान के सौंदर्यीकरण के लिए 90 लाख की मिट्टी की खरीद में व्‍यापक अनियमितताओं की शिकायत की थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि सौंदर्यीकरण परियोजना के लिए इस्तेमाल में लाई गई मिट्टी एक मॉल के निर्माण स्थल से थी जो राजद अध्यक्ष एवं उनके परिवार की है. इस मामले के सामने आने के बाद पूर्व पर्यावरण मंत्री विवादों में आ गये थे. बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मामले की जांच की मांग की थी.



इससे पहले आईआरसीटीसी के दो होटलों की देखरेख का जिम्मा वर्ष 2006 में एक निजी कंपनी को सौंपे जाने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में छह अक्‍टूबर को पूर्व उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव उपस्थित हुए. पांच अक्‍टूबर को इसी मामले में सीबीआई ने तेजस्वी के पिता और तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से भी पूछताछ की थी.


यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव संप्रग सरकार में रेल मंत्री थे. सीबीआई प्राथमिकी में विजय कोच्चर, विनय कोच्चर (सुजाता होटल के निदेशक), डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (मौजूदा समय में लारा प्रोजेक्ट) और आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक पीके गोयल का नाम है. सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का काम एक कंपनी को पटना में प्रमुख जगह पर स्थित जमीन रिश्वत के रूप में प्राप्त करके सौंपा था. यह रिश्वत बेनामी कंपनी के जरिए ली गई थी, जिसकी मालिक सरला गुप्ता है.

प्राथमिकी पांच जुलाई को दर्ज की गई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि पटना में एक कीमती जमीन के बदले में, पुरी और रांची में स्थित दो होटल के रखरखाव का अनुबंध सुजाता होटल्स को दिया गया. पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय को दागी संपत्तियों की कुर्की और उन्हें जब्त करने का अधिकार है. 
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