इन दिनों ट्वीट से शुरू होती है नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की दिनचर्या - the daily routine of these leaders of bihar started with the tweets

पटना: बिहार की राजनीति के दो दिग्गज नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की दिनचर्या इन दिनों ट्वीट से शुरू होती है. ऐसा लगता है कि वे सुबह नास्ते से पहले ट्विटर पर ट्वीट कर एक-दूसरे पर हमला बोलते हैं. मगर अब अपने पिता लालू के बचाव में बेटे तेजस्वी यादव आ गए हैं. तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि घोटालों पर चुप रहना ही सबसे बड़ा घोटाला है.

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मीडिया से बात करते हुए नीतीश के ट्वीट के जवाब में कहा कि ''मुख्यमंत्री कहा करते थे कि ट्वीट का मतलब चिचिआना होता है. अब वे जितना चिचिआना है चिचिया लें, हमारी शुभकामना है, हमें कोई दिक्क्त नहीं है. मगर  ट्विटर पर ट्वीट कर जितना चिचिआओगे उतना ही सवालों से घिरोगे और जनता को सवालों का जवाब देना पड़ेगा.'' 



बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट के जरिए सीएम नीतीश पर हमला बोला है. तेजस्वी ने दो ट्वीट किए, जिसके बाद से ही बिहार की राजनीति में उबाल देखने को मिल रहा है. तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा कि ''मुख्यमंत्री घोटालों पर अपना मुंह क्यों नहीं खोलते? छुपो न छुपो न.. ! ना..ना..ना ऐसे ना छुपो.. ना चुपो! जनता जवाब मांग रही है महोदय?''

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री की तुलना एक बच्चे से कर दी और कहा कि ''जो कार्रवाई घोटाले पर आज नीतीश जी कर रहे हैं वह कोई बच्चा भी कार्रवाई का आदेश दे सकता है. मगर नीतीश जी जिस व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं वैसी कोई कार्रवाई नहीं की गई. नाक के नीचे घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं और ये 12 से 13 साल से कौन सी कार्रवाई किए हैं, ये बस  छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाना सबसे बड़ी कार्रवाई मानते हैं.'' तेजस्वी ने कहा की ''कुछ ही दिन में इनका रिपोर्ट कार्ड जनता के पास हम लेकर जाएंगे.''



बहरहाल ट्वीट इस बात पर आधारित होता है कि कौन-कितने घोटाले किए. पक्ष और विपक्ष का आरोप इन दिनों सुबह-सुबह ट्वीटर पर ही देखने को मिलता है. मगर नीतीश इस बात से भली भांति परिचित हैं कि घोटाले के कारण लालू इन दिनों कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं. वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर देर-सवेर जांच एजेंसियों की चार्ज शीट का सामना करने वाले हैं.
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