विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा के लिए गुजरात जायेंगे राहुल गांधी - rahul gandhi to attend party meet in gujarat on 22nd december

नई दिल्ली. गुजरात विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा के लिए महसाणा जिले में कांग्रेस ने तीन दिन की बैठक बुलाई है. आज से 22 दिसंबर तक चलने वाली इस बैठक के आखिरी दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे. पार्टी के एक नेता ने बताया कि राहुल गांधी के अलावा पार्टी के कई बड़े नेता भी इसमें शामिल होंगे. बैठक में हार के कारणों से लेकर कुछ और अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके अलावा 80 नए MLA के साथ आगे की रणनीति भी तय की जाएगी. बता दें कि सोमवार को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को बहुमत मिला. गुजरात में बीजेपी को 99 सीटें और कांग्रेस को 80 सीटों पर जीत हासिल हुई. इस कांटे की टक्कर में भले ही कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी हो लेकिन पिछले एक दशक में पार्टी का ये सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा. गुजरात में 22 साल से कब्जा जमाए भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस ने कड़ी टक्ककर दी. 



हार के बावजूद भी राहुल गांधी खुश नजर आए उन्होंने मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी नतीजों से उनकी (मोदी) विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ‘भाजपा को गुजरात में जबरदस्त झटका लगा है.’ राहुल ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा, ‘तीन चार महीने पहले जब हम गुजरात गए थे तो कहा गया था कि कांग्रेस भाजपा से नहीं लड़ सकती. तीन चार महीने में हमने ठोस काम किया. सिर्फ मैंने नहीं, एआईसीसी की टीम और गुजरात के लोगों ने भी. और आपने नतीजे देखे हैं. भाजपा को गुजरात में जबरदस्त झटका लगा है.’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे लिए अच्छा नतीजा है. ठीक है कि हम हार गए. यदि थोड़ा और ठीक करते तो जीत जाते.’


कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने कहा कि मुझे वहां पता चला कि मोदीजी का जो मॉडल है, उसे गुजरात के लोग मानते ही नहीं. प्रचार बहुत अच्छा है. मार्केटिंग अच्छी है पर अंदर से खोखला है. हमरे अभियानों का वे जवाब नहीं दे पाए. विकास की बात कर रहे हैं पर सच्चाई यह है कि वह उसका जवाब नहीं दे पाए. आपने देखा होगा कि चुनाव से पहले मोदीजी के पास कहने के लिए कुछ रहा नहीं था।’ राहुल ने गुजरात चुनाव प्रचार की चर्चा करते हुए कहा, ‘आम तौर पर नेता जाता है और सोचता है कि गुजरात को मैं अपनी बात बताऊं. पर तीन महीने में गुजरात और वहां की जनता ने मुझे काफी सिखाया है. मुख्य बात यही सिखाई कि आपके विपक्ष में जितना भी क्रोध हो, जितना भी धन हो, जितना भी बल हो, उसे आप प्यार से, भाईचारे से टक्कर दे सकते हैं.’


एक तरफ जहां राहुल गांधी हार के बाद भी सकारात्मक नजर आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पार्टी के दूसरे नेता कांग्रेस की हार के लिए कपिल सिब्बल और निलंबित नेता मणिशंकर अय्यर को दोषी ठहराया रहे हैं. कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने इशारों में कहा की काफी हद तक बयानों (मणिशंकर अय्यर और कपिल सिब्बल) से नुकसान हुआ. प्रधानमंत्री ने उन बयानों का अधिकतम इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया. इसके लिए वे निचले स्तर तक पहुंच गए. उन्होंने मान-मर्यादाओं का भी ख्याल नहीं रखा, क्योंकि उन्हें हर हाल में चुनाव जीतना था.
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